त्योहार और बाजार
कहते हैं बाजार में वो ताकत हैं जिसकी दूरदर्शी आंखे हर अवसर को भुना कर मोटा मुनाफा कमाने में सक्षम
Read Moreकहते हैं बाजार में वो ताकत हैं जिसकी दूरदर्शी आंखे हर अवसर को भुना कर मोटा मुनाफा कमाने में सक्षम
Read Moreहां पाला है सांपों को मैंने, दंश भी मैंने झैले हैं। मेरी ही छाती पर हरदम क्यों दुश्मन के मैले
Read Moreफौज यहां लड़ती है , नेता श्रेय लेते हैं ! शीश जहां झुकना हो , मुंह को फेर लेते
Read Moreयह तो प्रति हुंकार है, नव दिन का संग्राम। रावण को मूर्छा हुई, मेघनाथ सुर धाम। मंदोदरी महान थी, किया
Read Moreत्याग ,प्यार ,स्नेह ,परहित की भावना । निश्छल प्रेम की है अद्रश्य याचना । थक जाते हैं कदम भी अनजानी
Read Moreअसलम ने रजिया के हाथ से पानी का गिलास थामते हुए रहमान चाचा की तरफ देखा । उनके चेहरे के
Read Moreनारी के साथ जुड़ा शब्द ‘‘माँ’’ सारी सृष्टि को अपने अंक में समेटने की क्षमता रखता है। माँ सृष्टा है,
Read Moreयावज्जीवम् अधीते विप्रः अर्थात् बुद्धिमान व्यक्ति जीवन भर अध्ययन करता है। ऊपर दिया गया कथन प्राचीन ऋषियों की प्रसिद्ध उक्ति है
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