रणनीतिज्ञ
“सक्सेना मैम… मैम… सक्सेना मैम…” आश्चर्य हुआ कि देश से इतनी दूर जर्सी की सड़क पर उसे कौन आवाज दे
Read Moreरोज मरती है ख्वाहिशें अल्हड़ नादान बचपन की एक अजीब सा डर पीछा करती कुछ निगाहें अनहोनी का भय सहम
Read More(रोहिंग्या मुसलमानों के बसाए जाने के मुद्दे पर घुसपैठियों की वकालत करने वालों को जवाब देती कविता) भारत का माहौल
Read Moreकलकत्ता उच्च न्यायालय ने ममता सरकार के उस आदेश पर कड़ा रुख अपनाया है, जिसमें सरकार ने दुर्गा प्रतिमाओं के
Read Moreएकात्म मानव दर्शन के प्रणेता पंडित दीनदयाल उपाध्याय ने पूरी तरह से भविष्य के भारत का अध्ययन किया था। इसी
Read Moreतेरे मन की भाषा जानूँ , खड़ी खड़ी मुस्काउं ! जुल्फों की जंजीर न बाँधूँ , आओ इसे लहराउं
Read Moreउम्र की सच्चाई इतनी लम्बी उम्र मिली है , पर जीने का वक़्त नहीं, रिश्तों की भरमार है पर रिश्तों
Read Moreतुम मिले और हम दीवाने हो गए बागों के मौसम सुहाने हो गए। पत्तियों ने ली हैं अब अंगड़ाइयां पतझडो
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