बालगीत – भाता मुझको मेरा गाँव
भाता मुझको मेरा गाँव। वहाँ पेड़ की शीतल छाँव।। शहरों से अच्छा है प्यारा। नदिया का है शांत किनारा।। जाने
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Read Moreरिमझिम बरसे मेघ सावनी, अंबर – पट में छाए हैं। प्यास बुझी धरती की सारी, सबके मन हर्षाए हैं।। बड़ी
Read Moreतार-तार भारत माता के, वसन फटे हैं बिखरे बाल। आँखों पर संतति पट बाँधे, देखो ये माता के लाल।। एक
Read Moreअथ श्री ‘मुखचोली पुराणम’ प्रारभ्यते । आधुनिक युग का मानव इतना अधिक ‘विरस’ (VI RUS) अर्थात रस विहीन हो गया
Read Moreअरे!आप जानते नहीं दुनिया का हाल।आगे से मराल पीछे से काग।ये दुनिया है ही ऐसी। जैसी बनाई प्रभु ने वैसी।जहाँ
Read Moreमछली को जब हुआ ज़ुकाम। जा पहुँची डाक्टर के धाम।। डाक्टर बोला ‘मछली रानी। बतलाओ निज रोग कहानी।।’ मछली बोली
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