फर्ज (लघुकथा)
निदा फ़ाज़ली ने कहा था- ”घर से मस्जिद है बहुत दूर चलो यूं कर लें किसी रोते हुए बच्चे को
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Read Moreसुंदरता मेरी नज़र में जिसके मन में प्रेम भरा हो, जो करुणा का गहरा सागर, उसका तन चाहे जैसा हो,
Read Moreकिस्मत का बुलंद सितारा लोग कहते हैं जो दर्द देता है, वही दवा देता है, पता नहीं फिजूल की बातों
Read Moreकितना हृदयविदारक चित्र था उस प्रदर्शनी में! इस चित्र ने दर्शकों का ही नहीं स्वयं चित्र का हृदय भी चीरकर
Read Moreअभी हाल ही में हमने आपको इंग्लैंड के गुरमेल भमरा की रचना आँखें (कहानी) पढ़वाई थी. इस कहानी में हमने
Read More”खाना लगाऊं?” अधेड़ उम्र के व्यक्ति से पत्नी ने पूछा. ”सब्जी क्या बनाई है?” रोज का सवाल था. ”ग्वारफली.” ”आज
Read Moreहरण किया माता सीता का, रावण ने परिणाम न सोचा, शक्ति राम की जान न पाया, हुआ जान
Read Moreअद्भुतम्, अद्भुतम्, अद्भुतम! बड़ा मजेदार अद्भुत जोक पढ़ा- कहां है कुतुब मीनार टीचर: तो बच्चों, कुतुब मीनार कहां है? कुतुब
Read Moreसर्दी की वो धूप ! माँ! आज देखा जो तेरा कंगना, याद आ गया बचपन का अपना अंगन। चमकती धूप
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