लघुकथा – कल और आज
कल आषाढी पूर्णिमा है !! निम्मी ! दही बरे और करायल (उरद पकौड़ी की सब्जी )जरूर बना लेना परसों से
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Read Moreकुछ महीनों से छवि और निलय आर्थिक तंगी के बुरे दौर से गुजर रहे थे | हर तरफ़ अंधेरा ही
Read Moreमुन्नी के सपने अम्मा ओ अम्मा हमका भी स्कूल जाना है ,हमका स्कूल काहे नाहिं भेजती | मुन्नी कमली का
Read Moreठक-ठक, ठक-ठक-1 ”ठक-ठक, ठक-ठक”. ”कौन है?” ”मैं हूं नया साल 2019.” ”लो, आज 5 तारीख हो गई, तुम अब भी
Read Moreवसुधा के मोबाइल पर बादल का मैसेज आया था. छोटा-सा बधाई-संदेश था, पर वसुधा ने उसे बार-बार पढ़ा. वह इस
Read Moreबचपन में थप्पड़ शायद सबने खाए होंगे, पर थप्पड़ की गूंज भी होती है, यह हमें सबसे पहले बताया डॉक्टर
Read Moreका जा समाचार थे- पिछले 12 दिनों से 5 डिग्री से कम तापमान दिल्ली में चल रहा है. एक व्यक्ति
Read Moreपांच साल से मैं उन्हें देख रही थी. शांति और सौम्यता की मूरत-सी वृंदा दीदी की स्वाभाविक ऊर्जा देखते ही
Read Moreनए साल ने दस्तक दे दी थी. प्रकृति ने सतरंगी चोला पहन लिया था. कहीं 3 डिग्री सेल्सियस तापमान ने
Read Moreकामिनी जी बड़ी बेचैनी से डाकिये का इंतजार कर रही थी । आखिर क्यों ना इंतजार करे , गाँव में
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