धोखा देने वाला सच
क्या आस्तिक व्यक्ति ‘झूठा’ होते हैं ? क्योंकि वो 100% ईश्वरभक्ति का दिखावा करते हैं, जो कि सब्ज़बाग़ के सिवाय
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Read Moreमैंने न शादी किया है और न ही किसी बच्चे का जैविक बाप बना हूँ, इसलिए मेरे को ‘मर्द’ होने
Read More1 .चलती रही जिंदगी (क्षणिका) कभी गमों की धुंध कभी खुशियों की धूप कभी सफलता कभी विफलता हौसला और जुनून
Read Moreचक्की मिल तो सोशल डिस्टिनसिंग के कारण तो जानी नहीं है…. गेहूँ के दर्रे तैयार करने में माँ जुटी हैं,
Read Moreस्वस्थ तर्क-वितर्क ही मतभेद है, जो होंगे ! पर किसी से बातचीत नहीं करना, मन में गुमार पाल लेना कि
Read Moreआँधी-बारिश-तूफान, फिर भी पंखे झल रहे हैं उसे ! कोरोना कहर में भी आडम्बर ! ×××× वरगद या वर गदगद
Read Moreकम उम्र की युवतियों के संग उम्रदराज पुरुषों के साथ ‘अरेंज’ शादी गलत तो है ही, इस उम्र-अंतराल लिए प्रेम-विवाह
Read Moreकहाँ गए वो दिन जब लोग नींबू, प्याज, मिर्च को काला धागे से पिरोकर घर के आगे, गाड़ी के आगे,
Read Moreरिश्ते नामक तराजू में विश्वास का बटखरा तो है, परंतु उनमें… धोखे का पासंग भी जुड़ा है ! ×××× कुछ
Read Moreधुंध पर कुछ काव्य-रचनाएं 1.चलती रही जिंदगी कभी धुंध के साथ चलती रही जिंदगी, कभी अंधेरे के साये में भी
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