डाॅग फिलाॅसफी
कभी-कभी मैं सोचता हूँ इस देश में ‘डाॅग’ नहीं होते तो धनपतियों का क्या होता? दुनिया को कैसे पता चलता
Read Moreकभी-कभी मैं सोचता हूँ इस देश में ‘डाॅग’ नहीं होते तो धनपतियों का क्या होता? दुनिया को कैसे पता चलता
Read Moreआज़ाद भारत की उम्र जैसे-जैसे बढ़ रही है वैसे-वैसे वह पिछड़ता जा रहा है। कभी-कभी तो लगता है कि इतना
Read Moreभारत, संसार का एकमात्र शांति उत्पादक देश है। भगवान गौतम बुद्ध तथा भगवान महावीर ने शताब्दियों पूर्व इस अति सूक्ष्म
Read Moreअपने मुरारी भैया बहुत ही होशियार (खुद को समझने बाले) होनहार एवं प्रगतिशील युवा हैं। चालीस के हो गए हैं
Read Moreशेखचिल्ली – यार ! ये मोदी जब से प्रधानमंत्री बना है, देश की बारह बजा कर रख दी है I
Read Moreमुझे भाषण देने की आदत जो है कि लोग देखा नहीं कि बस उड़ेलना शुरू कर देता हूँ। बस कुछ
Read Moreअभी कुछ दिन पूर्व मार्क जुकेरवर्ग दिल्ली आये थे बहुत से लोगों से मिले आगरा जाकर ताजमहल भी देखा और
Read Moreहमेशा की तरह सम्राट विक्रमादित्य रात्रि में सीमेंट कांक्रीट के उस जंगल से गुजर रहे थे, जहां कभी बियाबान जंगल
Read Moreकाफी दिनों बाद उस्ताद गुनाहगार से भेट नहीं हुई थी। सोचा कि उनसे मुलाकात कर लिया जाए। सो, एक दिन
Read Moreदिल्ली के किसी पार्कमें एक गधा गुनगुनी धूप का आनंद लेते हुए मुलायम घास चर रहा था। गधे के घास
Read More