मरहम
अभी-अभी सौरभ के पिताजी का मैसेज आया था- ”घाव तो हर कोई दे सकता है, ‘मरहम’ बन पाओ तो जानें.”
Read Moreवह जो लिखते थे मेरी बिखरी ज़ुल्फो पे ग़ज़ल आज यह भी न पूछा कि तुम उलझी क्यों हो, पूनम
Read Moreहर कदम पर साथ निभाने की कसमें खाई तुमने। जो वादे किए सब भूलकर, रस्में न निभाई तुमने। हमने सबकुछ
Read More16वीं लोकसभा के गठन के बाद भारत के आह्वान पर संयुक्त राष्ट्र संध में योग दिवस मनाने का प्रस्ताव रखा
Read Moreगत दिवस मेरा मोबाइल अचानक से बंद हो गया मैं सर्विस सेंटर लेकर गया, सर्विस सेंटर से पता चला कि
Read Moreमोबाइल फोन पर हरेलाल गिड़गिडाये जा रहे थे | उनकी आँखों में आये आँसू और मुरझाये चेहरे, सूखे होठों से
Read Moreरीना नई बहू की जिद्द पर अपने परिवार के साथ मायके मिलने चली आई | सबसे आगे भागती सी डैडी
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