कविता

गीत- ******आओ हम बात करें*****

आओ हम बात करें आओ हम बात करें.
कभी कभी उत्तर दें कभी सवालात करें.

बातें हों काम की.
बातें हों दाम की.
पर ज्यादा बातें हों,
मन के आराम की.
चाहें कुछ पलों करें चाहें दिन-रात करे.
आआे हम बात करें आओ हम बात करें.

बातें हों फूल की.
बातें हों खार की.
पर ज्यादा बातें हों,
मन के श्रृंगार की.
नेह भरी इक-दूजे पर हम बरसात करें.
आओ हम बात करें आआे बात करें.

बातें हाें दूर की.
बातें हों पास की.
पर ज्यादा बातें हों,
मन के विश्वास की.
अंत भला हो चाहे जैसी शुरुआत करें.
आआे हम बात करें आओ हम बात करें.

डा.कमलेश द्विवेदी
मो.09415474674

5 thoughts on “गीत- ******आओ हम बात करें*****

  • Raj kumar Tiwari

    द्विवेदी जी आओं हम बात करें…….. बाते हों काम की बातें हो दाम की वर्तमान समय को देखकर एक सटीक लिखा है। वास्तव में आप ने बहुत करीब से लिखा है

  • अजीत पाठक

    वाह! वाह! बढ़िया गीत लिखा है.

  • केशव

    बढ़िया

  • विभा रानी श्रीवास्तव

    बहुत सुंदर बात की उम्दा अभिव्यक्ति

  • विजय कुमार सिंघल

    “बातें हाें दूर की. बातें हों पास की. पर ज्यादा बातें हों, मन के विश्वास की.
    अंत भला हो चाहे जैसी शुरुआत करें.
    आआे हम बात करें आओ हम बात करें.”

    बहुत खूब डॉ साहब. गीत पढ़कर मन प्रसन्न हो गया. सरल शब्दों में इतनी गहरी बात कहना आपकी ही विशेषता है.

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