कविता

बचपन

वो बचपन जो कहता
ना चुप सा रहता
बस बेबाक हँसता |

वो बचपन जो दिलाता
ऐहसास कि हम हैं
जीवन है कुछ खास |

वो बचपन जिस मे नहीं
कोई द्वेष कोई मतभेद
समझता जो एक सा सबको |

वो बचपन जिसे नहीं
कोई खटकता ना कोई खलता
लगता बस हँसी सा जहाँ |

वो बचपन यहाँ मासूम ज़िद्द
बस और कोई खोट नहीं
साजिश नहीं बस यूंही मुस्काता |

वो बचपन जो आने वाले
कल के लिए नहीं भूलता
जीना जीभर के अपने आज को |

वो बचपन निःस्वार्थ सा
बस छोटी सी दुनिया मे
अपनी बेशुमार खुशियों को समेटता |||

— कामनी गुप्ता

कामनी गुप्ता

माता जी का नाम - स्व.रानी गुप्ता पिता जी का नाम - श्री सुभाष चन्द्र गुप्ता जन्म स्थान - जम्मू पढ़ाई - M.sc. in mathematics अभी तक भाषा सहोदरी सोपान -2 का साँझा संग्रह से लेखन की शुरूआत की है |अभी और अच्छा कर पाऊँ इसके लिए प्रयासरत रहूंगी |

2 thoughts on “बचपन

  • विजय कुमार सिंघल

    बहुत सुंदर !

    • कामनी गुप्ता

      Thanks sirji..

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