बाल कविता

बच्चे

बच्चे होते भोले भाले ,
अपनो मे रहते मतवाले ,
कभी खुशी मे झुम उठ उठते,
कभी गुस्सा मे फुट पडते ,
न ही किसी का डर उन्हे ,
न ही किसी का रहता भय ,
जो भी मन मे आए उन्हे ,
करते हैै शीघ्र. पुरा उसे ,
खेल -कूँद मे रहते आगे ,
पढाई मे भी पिछे न हटते ,
सबसे वो बाजी लगाते ,
पूरा करने मे आगे रहते ,
बडो को भी सीख सीखाते ,
तोतली बोली से सबको भॉते !
निवेदिता चतुर्वेदी….

निवेदिता चतुर्वेदी

बी.एसी. शौक ---- लेखन पता --चेनारी ,सासाराम ,रोहतास ,बिहार , ८२११०४