कविता

दस्तक

काल के कपाल पर,
अगर मेरी रचनाएँ दस्तक नहीं दे सकती
बुझे हुए चेहरों पर रौनक नहीं ला सकती
मजदूरों के पसीने का मूल्यांकन नहीं कर सकती
शोषण करने वालों का रक्त नहीं पी सकती
तो व्यर्थ है मेरा कवि होना
इन रचनाओं का काग़ज़ पर आकार लेना
और व्यर्थ है आलोचकों का
इन्हें महान रचनाएँ कहकर संबोधित करना

महावीर उत्तरांचली

लघुकथाकार जन्म : २४ जुलाई १९७१, नई दिल्ली प्रकाशित कृतियाँ : (1.) आग का दरिया (ग़ज़ल संग्रह, २००९) अमृत प्रकाशन से। (2.) तीन पीढ़ियां : तीन कथाकार (कथा संग्रह में प्रेमचंद, मोहन राकेश और महावीर उत्तरांचली की ४ — ४ कहानियां; संपादक : सुरंजन, २००७) मगध प्रकाशन से। (3.) आग यह बदलाव की (ग़ज़ल संग्रह, २०१३) उत्तरांचली साहित्य संस्थान से। (4.) मन में नाचे मोर है (जनक छंद, २०१३) उत्तरांचली साहित्य संस्थान से। बी-४/७९, पर्यटन विहार, वसुंधरा एन्क्लेव, दिल्ली - ११००९६ चलभाष : ९८१८१५०५१६

3 thoughts on “दस्तक

  • शशि शर्मा 'ख़ुशी'

    वाह ! बहुत खूब, सुंदर व सच्चे भाव |

  • विजय कुमार सिंघल

    वाह वाह !

  • विभा रानी श्रीवास्तव

    सच्ची सुंदर रचना

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