शिशुगीत

शिशुगीत – १०

(1) चावल-दाल

टेस्टी-टेस्टी चावल-दाल
संग रायता करे कमाल
खा जाता मैं पूरा प्लेट
हँसता भरकर मेरा पेट

(2) रोटी-सब्जी

रोटी-सब्जी अच्छी लगती
मम्मी रोज बनाती है
मैं तो एक न खा पाता
दीदी दो-दो खाती है

(3) पूरी-सब्जी

पूरी-सब्जी यम्मी-यम्मी
गरम-गरम कुरमुर-कुरमुर
इसे देखते सारा गुस्सा
मेरा हो जाता झट फुर

(4) लिट्टी-चोखा

बड़ा चटपटा लिट्टी-चोखा
मूली की है साथ सलाद
धनिये की चटनी भी आई
बाकी बातें इसके बाद

(5) समोसे

मोटू-पतलू का वो मोटू
बहुत समोसे खाता है
अच्छे तो मुझको भी लगते
रहा न बिल्कुल जाता है
जाओ जल्दी जाओ जी
गर्म समोसे लाओ जी

*कुमार गौरव अजीतेन्दु

शिक्षा - स्नातक, कार्यक्षेत्र - स्वतंत्र लेखन, साहित्य लिखने-पढने में रुचि, एक एकल हाइकु संकलन "मुक्त उड़ान", चार संयुक्त कविता संकलन "पावनी, त्रिसुगंधि, काव्यशाला व काव्यसुगंध" तथा एक संयुक्त लघुकथा संकलन "सृजन सागर" प्रकाशित, इसके अलावा नियमित रूप से विभिन्न प्रिंट और अंतरजाल पत्र-पत्रिकाओंपर रचनाओं का प्रकाशन