गीत/नवगीत

नयना सारी रैना जागे दिल में बेचैनियां हैं..

नयना सारी रैना जागे दिल में बेचैनियां हैं।
हमपे तेरे इश्क नें न जानें क्या जादू किया है॥

पलकों के साये में तुम हो दिल की हर धडकन में तुम।
नींदों में तुम ख्वाबों में तुम मन उपवन में तुम ही तुम॥
तुमको देखूं तुमको सोचूं मन में तेरा ही नशा है……
हमपे तेरे इश्क नें न जानें क्या जादू किया है….

बिन तुम्हारे महफिल में भी तनहा तनहा रहता हूं।
बस तेरी बातें सुनता हूं और तेरी ही कहता हूं॥
जानें कैसा है असर ये क्या हमारे दरमियां है….
हमपे तेरे इश्क नें न जानें क्या जादू किया है……

शोख कलियों की अदा है रूप फूलों का निखार।
दिल को घायल कर रही है ये अदाएं बार बार॥
नयनो के मदमस्त प्यालों ने नशा कुछ यूं किया है…
हमपे तेरे इश्क नें न जानें क्या जादू किया है……

तुम परी हो आसमां की या कि कोई अप्सरा।
देखते ही तुमको दिल में हो गया कुछ कुछ जरा॥
इन अदाओं के जलवों ने दिल को जैसे छू लिया है…..
हमपे तेरे इश्क नें न जानें क्या जादू किया है…….

सतीश बंसल

*सतीश बंसल

पिता का नाम : श्री श्री निवास बंसल जन्म स्थान : ग्राम- घिटौरा, जिला - बागपत (उत्तर प्रदेश) वर्तमान निवास : पंडितवाडी, देहरादून फोन : 09368463261 जन्म तिथि : 02-09-1968 : B.A 1990 CCS University Meerut (UP) लेखन : हिन्दी कविता एवं गीत प्रकाशित पुस्तकें : " गुनगुनांने लगीं खामोशियां" "चलो गुनगुनाएँ" , "कवि नही हूँ मैं", "संस्कार के दीप" एवं "रोशनी के लिए" विषय : सभी सामाजिक, राजनैतिक, सामयिक, बेटी बचाव, गौ हत्या, प्रकृति, पारिवारिक रिश्ते , आध्यात्मिक, देश भक्ति, वीर रस एवं प्रेम गीत.