कविता

कविता : उद्गार

नारी द्वारा नारी के लिए
मैं एक नारी जो भ्रम नहीं एक सत्य है ,जड़ नहीं चेतन है,
मैं कल्पना रूप नहीं यथार्थ -रूप हूँ . भावी पीढ़ी को संस्कार देना ,उन्हें प्रशिक्षित करना और वर्तमान पीढ़ी की अर्धांग्नी बन उसकी पग-पग पर रक्षा करना मेरा दिव्य स्वप्न है।
आदरणीय के प्रति नम्र -भावना ,सेवा – श्रुषा करना व् जहाँ भी संभव हो जैसी भी आवशयकता हो ……अपने प्रयास व् बल द्वारा उन्हें संरक्षित वातावरण प्रदान करना।
श्रद्धा का विकास कर इस संसार से प्राप्त होने वाले अपरिहार्य कष्टों को सहज रूप से स्वीकार कर पूर्ण समर्पित भाव से जीवन समर में अभूतपूर्व विजय प्राप्त करना ही मेरा परम ध्येय है।
अपनी भावनाओं की हर -क्षण देवहूति सी देती “मैं” केवल पुरुष की दस्ता स्वीकार करने में ही अपनी वास्तविक स्वतंत्रता समझती हूँ .
हर पल …….हर हाल मैं केवल मैं अपनी शाश्वत स्तिथि सी ही स्वीकारती दिखती हूँ ……….
केवल घटनाएँ और चरित्र पृथक-पृथक होतें हैं।
इश्वर ने अनेक अनमोल धरोहर सौपीं हैं मुझे ……..
एक ही बार में अनेक चरित्र निभाते हुए कही सामान्य स्तर से बहुत ऊँची उठ जाती हूँ …..
तो कहीं अपनी ही आत्म-सत्ता तलाशती सी रह जाती हूँ ….
यथार्थ के परिपेक्ष्य में जीकर मुझ जैसी अनेक स्त्रियाँ हर घटना को अपनी सी ही आप बीती बतातीं हैं ……
मैं तो केवल प्रेम की कला मैं पारंगत हूँ ….प्रेम करती हूँ ….
अनुरागी चित्त की अभिलाषा भी सदैव अनुराग लोलुप ही होती है।पुरुष के पतन व् अन्य दुखों का कारण कभी न बन सकूँ इसलिए सदैव अपने रूप – लावन्य को मर्यादा के घेरे में बांधे रखा ….
अपने सद्विचारों व् सद्कार्यों से सदैव किसी न किसी रूप में पुरुष की प्रेरणा-स्रोत बनी रही .
अपने देव-तुल्य जीवन-साथी के संघर्ष में पग-पग पर उसकी सहगामिनी बनी रही ….
विकट परिस्थितियों में एक क्षण के लिए भी उसे सम्बलहीन न होने दिया।
व् सदैव उसके चरणों पर समर्पित अपनी अर्चना के मंदिर-द्वार खोले रही
प्रत्येक नारी अपने-आप में पूर्ण है …….इतनी सम्पूर्ण कि पुरुष-प्रेमी को एक बार तो ऐसा प्रतीत होता है। मानो अनेक स्त्रियों के नारीत्व के अलग-अलग गुणों को एक ही नारी में भर दिया गया हो .

डॉ. शालिनी अगम

शिक्षा-एम्.ए. (हिंदी) पी.एच.डी. प्रकाशन 1-उलझनों के हल 2-"ध्यान " २१ वें विश्व पुस्तक मेले में प्रकाशित 3--अंग्रेजी अनुवाद "टिप्स & ट्रिक्स फॉर ए हैप्पी लाइफ "वें विश्व पुस्तक मेले में लोकार्पित 4- "आगमन खुशियों का " ६-"प्राण मेरे " 5-रेकी द्वारा उपचार प़र आधारित पुस्तकें रिकी स्पर्श तरंग (सहलेखन ) ६- रेकी उपचार तरंग (सहलेखन ) ७ - "मुस्कुराहटें अभी बाकी हैं" (जयपुर से प्रकाशित )में सहलेखन ८ -"सिर्फ तुम "काव्यसंगृह में सह- लेखन ९--- "premgranth "(प्रेमग्रंथ) " "प्रणय से ओत -प्रोत एक अनूठी प्रेम कहानी ३--(कुछ शब्द मेरे अपने ") कविताओ का संग्रह उपलब्धियां -१-20वें विश्व पुस्तक मेले में "अनुभव -सर्जना सम्मान "प्राप्त 2- 21वें विश्व पुस्तक मेले में "नव्या" सम्मान -३- "स्पार्क" ब्यूटी विद ब्रेन अवार्ड २०१२ ४- -इन्टर नेशनल रेकी अवार्ड रेकी ग्रैंड मास्टर ,शुभ आरोग्यं-रेकी हेलिंग एंड ट्रेनिंग सेण्टर ३- आगमन क्वीन २०१३ ४- श्रीमती फेसबुक २०१३ ५- "प्रखर साहित्य सम्मान " ६- "आगमन गौरव सम्मान" २०१३ ७- इंटरनेशनल रेकी अवार्ड ८- स्त्री शक्ति राष्ट्रिय अवार्ड २०१४ ९- "सर्वश्रेष्ठ लेखिका सम्मान " २०१४ १०- "साहित्य मणि " सम्मान ११- "नारी शक्ति २०१३ " सम्मान डायरेक्टर ( कंस्ट्रकशन कम्पनी ) मुख्य-अतिथि के रूप में अनेक विद्यालयों व् संस्थानों में आमंत्रित व् सम्मानित साहित्यिक अभिरुचि "समाज कल्याण " दिल्ली सक्रिय लेखन "अनुराधा प्रकाशन" दिल्ली में सक्रिय लेखन "खबरयार "भोपाल समाचार -पत्र में कविता प्रकाशित "दैनिक जागरण " में प्रकाशित आलेख व् कवितायेँ "नव्या"हिंदी साहित्य में सक्रीय रूप से लेखन "नव्या - समकालीन हिंदी साहित्य की पाक्षिक बेव पत्रिका "में अनेक आलेख व् कवितायेँ प्रकाशित छात्र जीवन में अनेक पुरुस्कार प्राप्त,अनेक पात्र-पत्रिकाओं में आलेख एवं कवितायेँ प्रकाशित . "सन्मार्ग " समाचार-पत्र मैं कवितायेँ व् आलेख प्रकाशित "लोक-जंग " समाचार-पात्र भोपाल में सक्रीय लेखन महिला -पत्रिका के लिए लिए मोडलिंग "निशांत टाइम्स " में सक्रिय लेखन "आगमन "पत्रिका में स्थायी स्तम्भ , लेख व् कविताओं के साथ कवर पेज मोडलिंग भी "राष्ट्रीय आवाज़" में कवितायेँ प्रकाशित "जनपथ "दिल्ली में सक्रीय लेखन "ट्रू मिडिया " , पुष्पवाटिका ","निशांत टाइम्स " इत्यादि में सक्रीय लेखन क़लम की सह सम्पादिका अनेक -पेपर्स में आर्टिकल्स व् कवितायेँ साहित्यिक अभिरुचि-हिंदी की ब्लोगर Dr. Sweet Angel: 1- "sweet shalini ka sweet world" 2-"namaste India " 3- "Tip of The Day" Blog help in your positive Attitude (How to improve yourself) http://sweetshalinikasweetworld.blogspot.com http://shaliniagam.jagranjunction.com http://shaliniaggarwalshubhaarogyam.blogspot.com

One thought on “कविता : उद्गार

  • विभा रानी श्रीवास्तव

    सजीव चित्रण उकेरी आपने ….. सार्थक लेखन

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