भजन/भावगीत

भजन

राधे कृष्ण राधे कृष्ण राधे कृष्ण गा
अपने मन में ध्यान लगा के राधे कृष्ण गा-

 

1.मन में राधे कृष्ण बसें तो मन-मंदिर बन जाय
मन वृंदावन मन बरसाना मन गोकुल कहलाय
राधे कृष्ण नौका से तू भवसागर तर जा
अपने मन में ध्यान लगा के राधे कृष्ण गा-

 

 

2.कण-कण में जब मूरत मोहन की दर्शन दिखलाय
तभी समझना राधे कृष्ण मन में बैठे आय
आनंद की मधुरिम वीणा से आनंदमय हो जा
अपने मन में ध्यान लगा के राधे कृष्ण गा-

 

 

 

3.एक बार ये धुन जो लगे तो छूटना मुश्किल है
धुन नहीं छूटे तभी प्रभु का मिलना भी तय है
प्रभु-मिलन का सुंदर तोहफ़ा पाकर मन हर्षा
अपने मन में ध्यान लगा के राधे कृष्ण गा-

*लीला तिवानी

लेखक/रचनाकार: लीला तिवानी। शिक्षा हिंदी में एम.ए., एम.एड.। कई वर्षों से हिंदी अध्यापन के पश्चात रिटायर्ड। दिल्ली राज्य स्तर पर तथा राष्ट्रीय स्तर पर दो शोधपत्र पुरस्कृत। हिंदी-सिंधी भाषा में पुस्तकें प्रकाशित। अनेक पत्र-पत्रिकाओं में नियमित रूप से रचनाएं प्रकाशित होती रहती हैं। लीला तिवानी 57, बैंक अपार्टमेंट्स, प्लॉट नं. 22, सैक्टर- 4 द्वारका, नई दिल्ली पिन कोड- 110078 मोबाइल- +91 98681 25244

4 thoughts on “भजन

  • राज किशोर मिश्र 'राज'

    वाह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह बहन जी प्रणाम सुंदर भजन गा कर मन मुदित हो गया /

    • लीला तिवानी

      प्रिय राजकिशोर भाई जी, यह जानकर अत्यंत हर्ष हुआ, कि आपको भजन बहुत अच्छा लगा. आपका मन मुदित हो गया, तो हमारा मन भी मुदित हो गया. सुंदर व सार्थक प्रतिक्रिया के लिए शुक्रिया.

  • लीला बहन , भजन बहुत सुन्दर लगा .

    • लीला तिवानी

      प्रिय गुरमैल भाई जी, सुंदर व सार्थक प्रतिक्रिया के लिए आभार.

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