गीत/नवगीत

क्यों बचपन सुहाना बीत गया

क्यों बचपन सुहाना बीत गया

वो हँसना खिलखिलाकर
और रोना चिल्लाकर
नही परवाह किसी बात की
क्यों वो ज़माना रूठ गया

क्यों बचपन सुहाना बीत गया।

खेल वो गुड्डे गुड़िया का
चाँद में बैठी बुढ़िया का
चरखा जो चलाया करती थी
क्यों भरम हमारा टूट गया।

क्यों बचपन सुहाना बीत गया।

पापा की डाँट मम्मी का दुलार
खट्टी इमली और मीठे आम
कैरी,आइसक्रीम ,चॉकलेट, टॉफियाँ
क्यों वो खज़ाना लूट गया।

क्यों बचपन सुहाना बीत गया।

गुड्डे और गुड़िया की शादी
एक दोस्त बाराती एक घराती
कट्टी पल में फिर बट्टी हो जाना
क्यों मासूम याराना छूट गया।

क्यों बचपन सुहाना बीत गया।

कागज की कश्ती बारिश का पानी
दादी की लोरी नानी की कहानी
दौड़ना जुगनू के पीछे पीछेे
क्यों तितली पकड़ना भूल गया।

क्यों बचपन सुहाना बीत गया।

कठपुतली का नाच नचाना
बाइस्कोप का वो जमाना
हुड़दंग मचाना गलियों में
क्यों वो वक़्त पुराना खो गया

क्यों बचपन सुहाना बीत गया।

-सुमन शर्मा

सुमन शर्मा

नाम-सुमन शर्मा पता-554/1602,गली न0-8 पवनपुरी,आलमबाग, लखनऊ उत्तर प्रदेश। पिन न0-226005 सम्प्रति- स्वतंत्र लेखन प्रकाशित पुस्तकें- शब्दगंगा, शब्द अनुराग सम्मान - शब्द गंगा सम्मान काव्य गौरव सम्मान Email- rajuraman99@gmail.com

One thought on “क्यों बचपन सुहाना बीत गया

  • विभा रानी श्रीवास्तव

    वाह …. बढियां

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