गीत/नवगीत

गीत : मेरा देश है भारत, मैं शीश झुका के गाऊँ

मेरा देश है भारत, मैं शीश झुका के गाऊँ
भारत माँ के चरणों में, श्रध्दा सुमन चढाऊँ

वीरों की इस धरती पे, पुष्प हैं खिलते आये
हुआ विवेक महान यहाँ, गांधी जी अंहिसा लाये
महिमा जाने जग ये, मैं तो बस बात दोहराऊँ
मेरा देश है भारत, मैं शीश झुका के गाऊँ
भारत माँ के चरणों में, श्रध्दा सुमन चढाऊँ

चरणों में हिंद सागर है, शिखर पे हिमालय बैठा
पुरब में सात हैं रानी, पश्चिम में आबू लेटा
सब धर्मों का मान यहां, लो साथी हाथ बढ़ाऊँ
मेरा देश है भारत, मैं शीश झुका के गाऊँ
भारत माँ के चरणों में, श्रध्दा सुमन चढाऊँ

कबीरा के हम दोहे, जग में शांति के दूत
रहते सब मिलजुल के, कोई न छुआछूत
गुरु नानक वाणी कहे, चलो मैं पथ दिखलाऊँ
मेरा देश है भारत, मैं शीश झुका के गाऊँ
भारत माँ के चरणों में, श्रध्दा सुमन चढाऊँ

अमृत-सी नदियां यहां, सावन में पानी बरसे
बच्चे बन कान्हा चले, संग माता निकले घर से
माटी ये तिलक कहाए, जब माथे पे सजाऊँ
मेरा देश है भारत, मैं शीश झुका के गाऊँ
भारत माँ के चरणों में, श्रध्दा सुमन चढाऊँ

चारों कोने संगीत भरा, गाने के अनूठे ढंग
पोंगल, तीज त्योहार यहां, होली के अपने रंग
राष्ट्र प्रेम जागे जन में, कोई ऐसा साज बजाऊँ
मेरा देश है भारत, मैं शीश झुका के गाऊँ
भारत माँ के चरणों में, श्रध्दा सुमन चढाऊँ

परवीन माटी 

प्रवीण माटी

नाम -प्रवीण माटी गाँव- नौरंगाबाद डाकघर-बामला,भिवानी 127021 हरियाणा मकान नं-100 9873845733

4 thoughts on “गीत : मेरा देश है भारत, मैं शीश झुका के गाऊँ

  • लीला तिवानी

    प्रिय परवीन भाई जी, अति सुंदर गीत के लिए आभार.

    • परवीन माटी

      नमन लीला जी नमन

  • विजय कुमार सिंघल

    देशप्रेम से भरा अच्छा गीत !

    • परवीन माटी

      नमन विजय जी

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