स्वास्थ्य

कमर दर्द की प्राकृतिक चिकित्सा

कमर में दर्द होना प्राय: महिलाओं की आम शिकायत है। कई पुरुषों को भी यह शिकायत हो जाती है। इसका मुख्य कारण है व्यायाम न करना और गलत तरीक़े से उठना बैठना। बहुत आराम करने वालों और पैदल न चलने वालों को यह शिकायत होना अवश्यंभावी है। सही तरीक़े से उठने बैठने और उचित मात्रा में सही व्यायाम करने वाले व्यक्ति सरलता से इस कष्ट से मुक्ति पा सकते हैं। यहाँ इसका उपचार बताया जा रहा है।

उपचार

* प्रातः काल उठते ही एक गिलास सादा पानी में आधा नीबू का रस और एक चम्मच शहद घोलकर पियें। फिर 5 मिनट बाद शौच जायें।

* शौच के बाद 2-3 मिनट तक पेड़ू पर ठंडे पानी में भीगे कपड़े से पोंछा लगायें, फिर टहलने जायें। तेज़ चाल से कम से कम डेढ़-दो किमी टहलें।

* टहलने के बाद नीचे दी गयी क्रियाएं करें।
– चन्द्रासन दोनों तरफ़ दो दो बार
– कटिचक्रासन दोनों तरफ़ दो दो बार
– कमर से आगे-पीछे झुकना दो दो बार
– कमर को गोलाई में घुमाना दोनों दिशाओं में 10-10 बार
– पवन मुक्तासन 1-2 मिनट
– भुजंगासन 1-2 मिनट
– रीढ़ के व्यायाम : क्वीन और किंग एक्सरसाइज़ दोनों तरफ़ 10-10 बार
– कपालभाति प्राणायाम 300 बार
– अनुलोम विलोम प्राणायाम 5 मिनट
– भ्रामरी 3 बार
– उद्गीत (ओंकार ध्वनि) 3 बार
– तितली व्यायाम एक मिनट

* व्यायाम के बाद खाली पेट लहसुन की तीन कली छीलकर छोटे-छोटे टुकड़े करके सादा पानी से निगल लें या चबायें।

* रात्रि 10-10.30 बजे सोते समय एक चम्मच त्रिफला चूर्ण सादे पानी के साथ लें।

विशेष

* सात्विक भोजन सीमित मात्रा में समय पर करें।

* दर्दनाशक दवा (पेनकिलर) कभी न लें।

विजय कुमार सिंघल

डॉ. विजय कुमार सिंघल

नाम - डाॅ विजय कुमार सिंघल ‘अंजान’ जन्म तिथि - 27 अक्तूबर, 1959 जन्म स्थान - गाँव - दघेंटा, विकास खंड - बल्देव, जिला - मथुरा (उ.प्र.) पिता - स्व. श्री छेदा लाल अग्रवाल माता - स्व. श्रीमती शीला देवी पितामह - स्व. श्री चिन्तामणि जी सिंघल ज्येष्ठ पितामह - स्व. स्वामी शंकरानन्द सरस्वती जी महाराज शिक्षा - एम.स्टेट., एम.फिल. (कम्प्यूटर विज्ञान), सीएआईआईबी पुरस्कार - जापान के एक सरकारी संस्थान द्वारा कम्प्यूटरीकरण विषय पर आयोजित विश्व-स्तरीय निबंध प्रतियोगिता में विजयी होने पर पुरस्कार ग्रहण करने हेतु जापान यात्रा, जहाँ गोल्ड कप द्वारा सम्मानित। इसके अतिरिक्त अनेक निबंध प्रतियोगिताओं में पुरस्कृत। आजीविका - इलाहाबाद बैंक, डीआरएस, मंडलीय कार्यालय, लखनऊ में मुख्य प्रबंधक (सूचना प्रौद्योगिकी) के पद से अवकाशप्राप्त। लेखन - कम्प्यूटर से सम्बंधित विषयों पर 80 पुस्तकें लिखित, जिनमें से 75 प्रकाशित। अन्य प्रकाशित पुस्तकें- वैदिक गीता, सरस भजन संग्रह, स्वास्थ्य रहस्य। अनेक लेख, कविताएँ, कहानियाँ, व्यंग्य, कार्टून आदि यत्र-तत्र प्रकाशित। महाभारत पर आधारित लघु उपन्यास ‘शान्तिदूत’ वेबसाइट पर प्रकाशित। आत्मकथा - प्रथम भाग (मुर्गे की तीसरी टाँग), द्वितीय भाग (दो नम्बर का आदमी) एवं तृतीय भाग (एक नजर पीछे की ओर) प्रकाशित। आत्मकथा का चतुर्थ भाग (महाशून्य की ओर) प्रकाशनाधीन। प्रकाशन- वेब पत्रिका ‘जय विजय’ मासिक का नियमित सम्पादन एवं प्रकाशन, वेबसाइट- www.jayvijay.co, ई-मेल: jayvijaymail@gmail.com, प्राकृतिक चिकित्सक एवं योगाचार्य सम्पर्क सूत्र - 15, सरयू विहार फेज 2, निकट बसन्त विहार, कमला नगर, आगरा-282005 (उप्र), मो. 9919997596, ई-मेल- vijayks@rediffmail.com, vijaysinghal27@gmail.com

4 thoughts on “कमर दर्द की प्राकृतिक चिकित्सा

  • लीला तिवानी

    प्रिय विजय भाई जी, बहुत सुंदर प्रस्तुति के लिए आभार.

    • विजय कुमार सिंघल

      हार्दिक धन्यवाद, बहिन जी !

  • विजय भाई , आप का दर्शाया नुस्खा पसंद आया लेकिन यह एक तपस्य ही है, जो इसे करेगा, जरुर फल पायेगा .

    • विजय कुमार सिंघल

      धन्यवाद भाई साहब. तपस्या तो है ही ! बिना परिश्रम के कुछ नहीं मिलता.

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