हायकु
१..मिट्टी घट थे निखारा होता गर आसमा छूते| २..कृतज्ञ बनें मानों तो मात-पिता गुरु से बड़े| ३…गुस्सा काहे का उपजा
Read Moreबरामदे में लगे कैक्टस के पौधों को काटते देख रामलाल बोले, “बेटा इतने प्यार से लगाया था तुने। कहाँ-कहाँ से
Read Moreकितनी लयबद्ध है ट्रेन की छूक छूक की आवाज ठीक वैसे जैसे कदम ताल करते स्कूली बच्चे और फिर इसका
Read Moreआज की मेरी कविता मौसम का तराना क्या कहूँ कैसा जादू है इस कदर। मौसम आज दिल को लुभाने लगा॥
Read Moreविषय- वर्षा उमड़ घुमड़ कर बादरा, बरसन को तैयार हवा बहे तो जल चले, वरना चह बेकार॥ आस लगी नभ
Read Moreओ३म् क्या हमें यह पता चल सकता है कि पिछले जन्म में हम क्या थे? इसका उत्तर यह है
Read Moreलैपटाप बेटी के हाथों में देख माता -पिता प्रसन्न थे हो भी क्यों न आखिर चीफ़ मिनिस्टर साहब से जो
Read Moreनभ में बादल छा गये, मौसम हुआ खराब। इतना भी मत बरसियो, मुरझा जाये गुलाब।। — जल्दी-जल्दी जगत में, अब
Read More1- आई बरखा नाचती गाती गोरी वन में मोर॥ 2- पानी पानी है चहु दिश बदरी पी चितचोर॥ 3- लजाये
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