बाल कविता

आओ बच्चो तुम्हे बतायें

आओ बच्चो तुम्हे बतायें
कुछ वीरों की गाथा सुनायें
आने वाले दिनों मे
तुम वीरों से कम नही
भारती माँ के नाज हो तुम
हमसब के सरताज हो तुम
डरना नही तुम दुश्मनो से
डटकर सामना करना तुम
जब तक वो पीछे न हटे
तुम अपना पीठ दिखाना ना
भले एक एक को ही मारो
पर मॉ का लाज बचाना तुम
जिस मिट्टी मे तुम पले बढे हो
उसपर ऑच न आने देना तुम
जितना सीख मिले बडो से
उसको जीवन मे अपनाना तुम
सदा बडो की बात मानना
नम्रता से सदा शीष झुकाना|
निवेदिता चतुर्वेदी

निवेदिता चतुर्वेदी

बी.एसी. शौक ---- लेखन पता --चेनारी ,सासाराम ,रोहतास ,बिहार , ८२११०४