ग़ज़ल : अक़ीदत झूठ की करता नहीं मैं
अक़ीदत झूठ की करता नहीं मैं बदी के रास्ते चलता नहीं मैं मुझे आता है लड़ना मुश्किलों से किसी भी
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Read Moreपैरिस में बहुत कुछ देखने को था लेकिन हमारे पास वक्त इतना नहीं था, मैं और जसवंत आपस में मशवरा
Read Moreबहुत बार आवाज़ लगाने पर भी जब वरूण नहीं रुका को कुणाल को लगा कि वरुण उससे नाराज़ है शायद
Read Moreनागपुर, भारत के सांस्कृतिक महत्व का शहर है। इसके अनेक कारण हैं जिनमें से तीन प्रमुख कारण मैं आपको बतलाता
Read Moreतुमने माँ का कर्ज चुकाया, हो तुम माँ के सच्चे लाल। सीमा पर दिखाई हिम्मत, परिवार का है नहीं मलाल
Read Moreबुजुर्गों का अदब रखती है गाँवों में नज़र अब भी बड़ों के सामने झुक जाते हैं छोटों के सर अब
Read Moreमित्रता-दिवस पर विशेष कविता सत्पथ पर चलना सिखलाए, आपद्काल में साथ न छोड़े। वह ही सच्चा मित्र है जो किंचित्
Read Moreओ३म् भारत में वेद प्रचार का शुभारम्भ महाभारत युद्ध के बाद पहली बार महर्षि दयानन्द (1825-1883) ने अपनी शिक्षा पूरी
Read Moreआज हमारे देश की कैसी हालत बन गई है——। देशद्रोहीयों के कारण कैसी हालत बन गई है। यहाँ लुट- घसोट
Read Moreक्या पता ये क्यों इन्सान के रुप में पत्थर बन जन्म लिया है। पत्थर की भी मूर्तियां किसी की बेबसी
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