लघुकथा

लघुकथा

प्रवचन
वे प्रवचन सुनकर लौट रहे थे। रास्ते में उन्होंने लूटपाट की घटना देखी। एक व्यापारी को कुछ बदमाश लूट रहे थे।
उन्होंने प्रवचन में सुना था, ‘ संकट में फंसे आदमी की हर संभव मदद करनी चाहिए।’
‘ मैं कैसे इस आदमी की मदद करूं ? बदमाश मुझे भी मारेंगे, लूट लेंगे।’ उन्होंने सोचा।
‘ पुलिस को तो फोन कर ही सकता हूं। —- नहीं, पुलिस के लफड़े में नहीं पड़ना। वह मुझे ही तंग करेगी। —-तब क्या करें ?’
उन्हें एक पुराना प्रवचन याद आ गया, ‘ आदमी को उसकी करनी का फल मिलता है।’
इससे पूर्णतः सहमत हो वे फुर्ती से आगे बढ़ गए।
– राजकुमार धर द्विवेदी

राजकुमार धर द्विवेदी

1. नाम: राजकुमार धर द्विवेदी 2. धारक नाम / उपनाम (लेखन हेतु): विद्रोही / राज 3. जन्मदिन एवं जन्म स्थान: 0 7- 07 - 1967, ग्राम -झरी, पो. -पांती, हनुमना, जिला -रीवा, (मध्यप्रदेश)। 4. शैक्षणिक योग्यता (ऐच्छिक): स्नातक। 5. व्यवसाय: पत्रकारिता -वरिष्ठ उप -संपादक -'नईदुनिया', रायपुर (छत्तीसगढ़ ) जागरण समूह। 6. प्रमुख लेखन विधा: कविता (गीत/अन्य छंद/ नई कविता ) 7. साहित्यिक उपलब्धियाँ/पुरस्कार/सम्मान: -------कादम्बिनी, धर्मयुग, साप्ताहिक हिंदुस्तान, नंदन, पराग, सरिता, मुक्ता, चंपक और विभिन्न समाचार पत्रों में कविता-कहानी, लेख आदि का प्रकाशन और आकाशवाणी से नाटकों, वार्ताओं व कविताओं का प्रसारण। विभिन्न मंचों से काव्य -पाठ। साहित्य और पत्रकारिता के कई पुरस्कार प्राप्त। सतना, जबलपुर, रायपुर में कई बार सम्मानित। 8. रुचि/शौक़: बच्चों के लिए लिखने में खास रुचि, मित्र बनाना , घूमना, दर्दभरे गाने सुनना। 9. वर्तमान पता एवं सम्पर्क सूत्र (ऐच्छिक) : दैनिक नईदुनिया, जेल रोड, रायपुर (छत्तीसगढ़ ). मोबाइल - 7415338202 / 09425484657