“आदमी”
आदमी हँस रहा है, आदमी डंस रहा है आदमी गा रहा है, आदमी खा रहा है जा रहा है आदमी,
Read Moreकली कली कहने लगी, मत जा मुझको छोड़ कल तो मैं भी खिलूंगी, पुष्प बनूँगी दौड़ नाहक न परेशान हो,
Read Moreओ३म् “सत्यार्थ प्रकाश” विश्व साहित्य में महान ग्रन्थों में एक महानतम् ग्रन्थ है, ऐसा हमारा अध्ययन व विवेक हमें बताता
Read Moreसारा आलम जाने क्यूं “ग़मगीन” हुआ है, हवाओं से ज़ुर्म कोई “संगीन” हुआ है ! रंग नहीं ये होली का,
Read Moreकैलंगूट की हाई स्ट्रीट में आ कर हम दोनों तरफ के होटलों का ज़ायज़ा लेते जा रहे थे कि एक
Read Moreपीछले कुछ दिनों से सोशल मीडिया पर एक चुटकुला बहुत वायरल है कि पहले ऐसा होता था कि जनता किसी
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