लघुकथा

हौसला

“लेखन का क्या हाल-चाल चल रहा है “? बहुत दिनों से प्रभा का लिखा कुछ दिखा नहीं तो ज्योत्सना पूछ बैठी । प्रभा लेखन कार्य में बहुत होशियार थी लेकिन अपने छोटे भाई के अचानक गुज़र जाने से स्तब्ध हो लेखन छोड़ बैठी थी ।

बिल्कुल बंद है दी अभी तो

क्यूँ ?

पता नहीं, राकेश के जाने के बाद एकदम बंद सा हो गया और अब मन ही नही करता । वो पिछले छ: महीने से जो बंद हुआ अभी शुरु हुआ ही नहीं

बहाने हैं सब, साँस जब तक चलती है तो हर काम का समय निश्चित है ?

कह सकते हैं दी आप?, पर अब लेखन में मन नहीं , देखो फिर जागता भी है या नहीं!

सोया ही नहीं है तो जागना क्या ?
अभी जो हम गप्प कर रहे ये भी तो लिख रहे हैं न ? हमारी पहचान ही है कि हम बकबक बहुत करते हैं ,??

ये दी लेखन में नहीं आता न
ये तो बातचीत?

लेखन में क्या आता है ? गीत , गज़ल , कविता , काव्य , कहानी
लघु कथा क्या होती है ?

लघुकथा तो दी लिखी ही नहीं कभी ! लघुकथा सीखा दीजिए दी ,कोशिश करुंगी!

ये लो कर लो बात
मैं कब लिखी ?
गप्प को लिख देती हूँ

ये कमाल आप ही कर सकती हैं?
मान गए उस्ताद????

??????
उस्ताद बुस्ताद कुछ नहीं
समय काट रही हूँ । जी रही हूँ तो कुछ तो करना है । जाने वाले के साथ जा नहीं सकते । जी रहे सांसें चल रही है तो और सह सकते हैं
सहने की शक्ति है तो लो ज़िंदगी हँस कर जिएँगे ।

जी दी !वो तो सही है
आपसे बहुत कुछ सीखा
तभी तो दी जेठ के लड़के की शादी में किसी को एहसास भी न होने दिया
सबसे ज्यादा हँसी मेरी ही गूँजी ।
सही में दी आपकी ही बहना तो हूँ
मेरे ससुर जी ने बहुत तारीफ की
कि ऐसी लडकी नहीं देखी !

*विभा रानी श्रीवास्तव

"शिव का शिवत्व विष को धारण करने में है" शिव हूँ या नहीं हूँ लेकिन माँ हूँ