कविता

स्वास्थ्य के नियम

आओ सीखें और सिखाएं, नियम स्वास्थ्य के हम दो-चार,
जिससे इस जीवन की नैय्या, बड़े प्रेम से उतरे पार.

 

सबसे पहले रखें स्वच्छता, तन की, मन की, रहन-सहन की,
नाक-कान और आंख-दांत की, रखें सफाई नख-शिख तक की.

 

भोजन खाएं रोज़ समय से, सादा, धीरे चबा-चबाकर,
पानी ज़्यादा पीना अच्छा, उसको पीना सदा छानकर.

 

झूठ-कपट से दूर रहें हम, अच्छी पुस्तक पढ़ें-पढ़ाएं,
जैसे भी संभव हो हरदम, अपने ज्ञान को और बढ़ाएं.

 

क्रोध न करना, धैर्य से रहना, जीवन को सुरभित करता है,
स्वस्थ शरीर का संबल लेकर, जीवन सदा सुखी रहता है.

*लीला तिवानी

लेखक/रचनाकार: लीला तिवानी। शिक्षा हिंदी में एम.ए., एम.एड.। कई वर्षों से हिंदी अध्यापन के पश्चात रिटायर्ड। दिल्ली राज्य स्तर पर तथा राष्ट्रीय स्तर पर दो शोधपत्र पुरस्कृत। हिंदी-सिंधी भाषा में पुस्तकें प्रकाशित। अनेक पत्र-पत्रिकाओं में नियमित रूप से रचनाएं प्रकाशित होती रहती हैं। लीला तिवानी 57, बैंक अपार्टमेंट्स, प्लॉट नं. 22, सैक्टर- 4 द्वारका, नई दिल्ली पिन कोड- 110078 मोबाइल- +91 98681 25244