मुक्तक
किसानों से जमीनें छीन उनके प्राण हरना है, अमीरों के हितों को ध्यान में रख काम करना है, कोई जीते
Read Moreपथ उनको क्या भटकायेगा, जो अपनी खुद राह बनाते भूले-भटके राही को वो, उसकी मंजिल तक पहुँचाते अल्फाज़ों के चतुर
Read Moreकभी अहसास से मेरे तिरे अहसास मिल जाते । दिये जो जख्म हैं दिल पर उन्हें तुम काश सिल
Read Moreजब से उन्होंने कनफुसकी की है, तब से सारा देश सन्न है! कयासों का बाजार गर्म है। अखबारी और चैनली
Read Moreनैनीताल हाइकोर्ट ने गंगा और यमुना को मनुष्य का दर्जा दिया है । क्या कोई ऐसी अदालत है जहां मनुष्य
Read Moreबाबर को अपने किये कृत्य अपकृत्य पर अफ़सोस हो या न हो लेकिन उसके वंशजो को उसके कृत्य पर बहुत
Read Moreएक बडे अस्पताल के प्रतिक्षालय में दो औरतें बैठी थी । दोनों ने बातचीत शुरू करने के उद्देश्य से यहाँ
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