लघुकथा

सोने का देश

एक सोने का देश था , लेकिन उसका राजा राक्षस था । हालांकि प्रजा को उसके राक्षस होने का पता नहीं था क्योंकि प्रजा तो सोने के देश में खुश थी ।
दुख था तो केवल स्वर्ण व्यापारियों को , सारे देश में इतना सोना उपलब्ध था की उनके लिए कुछ मार्जिन बचता नहीं था ।
राजभवन में एक गद्दी का आकांक्षा रखनेवाला व्यक्ति था जिसने पता लगाया कहाँ भगवान का अवतार हुआ है उसने भगवान से मिलकर राक्षस राजा के अत्याचार की कहानियां सुनाई और भगवान से प्रजा को मुक्ति दिलाने का आग्रह किया ।

भगवान ने राक्षस राजा का वध करके सत्ता भक्त को सौंप दी । आज भी इतिहास के पन्नों में सोने के देश का राजा राक्षस के रूप में दर्ज है लेकिन आश्चर्यजनक रूप से भक्त के राजा बनने का जिक्र तो है परंतु उसके बाद देश सोने का न रहा ।

 

कुमार गौरव

कुमार गौरव ग्राम+ पो०- शाहपुर उण्डी (पटोरी ) जिला -समस्तीपुर (बिहार ) पिन- 848504 मो०-9718805056