गीतिका
छंद- रोला, मात्रा भार- 11, 13 (विषम चरण तुकांत 1 2, सम चरण का अंत 1 2, समांत- अना, अपदांत…..
Read More“पाखंड केो जेेल” शायद ही किसी धर्म की सीमा पाखंडियों के चंगुल से सुरक्षित बची हो। खूब आक्रमण हो रहा
Read More“दोहा मुक्तक” अमिय सुधा पीयूष शिव, अमृत भगवत नाम सोम ब्योम साकार चित, भोले भाव प्रणाम मीठी वाणी मन खुशी,
Read Moreऔरत की किस्मत में कितने गम है पुरुष कहते यह तो बहुत कम है| औरत की आँखे होती हमेशा नम
Read Moreशांत, व्यवस्थित, योजनाबद्ध शहर । लिए आगोश में, प्राकृतिक नजारे। कल तक था मैं… इक स्मार्ट शहर ॥ आज …
Read Moreसुनो दस्तक … चाहे परिवर्तन अब नारी । बीता वो युग, जब थी नारी “केवल श्रद्धा । जो बन कठपुतली
Read Moreसभा को संबोधित करते हुए नेताजी ने कहा – हमें न्यू इंडिया बनना। स्वच्छ भारत निर्माण हमारा ध्येय है। किसी
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