गीतिका/ग़ज़ल

हम भारतवासी है

हम भारतवासी है यह सबको बताने आता है
अपने देश के लिये हमे खुन बहाने आता है

मिली है हमे आजादी लेकिन कुछ अभी भी बाकी है
उसे पूरा करने के लिये हमे हथियार उठाने आता है

दिखाना नही कभी ऑख भारत मॉ को
नही तो उस ऑख को हमे निकालने आता है

अंग्रेजो के जैसे तुम्हारे छक्के छुड़ाने के लिये
हमे झॉसी की रानी भी बनने आता है

ये धमकी देना तो तुम्हारी पुरानी आदत है
कभी इससे कहॉ हमे डरने आता है

लगता भूल गये तुमने वो सर्जिकल स्ट्राइक
हमे तुम्हारे घर मे भी घुस मारने आता हैं

बंद करो ये सब अत्यचार ये आखिरी चेतावनी है
नही तो कुत्ते का मार भी मारने आता हैं।

निवेदिता चतुर्वेदी’निव्या’

निवेदिता चतुर्वेदी

बी.एसी. शौक ---- लेखन पता --चेनारी ,सासाराम ,रोहतास ,बिहार , ८२११०४