गीत/नवगीत

गीत

एक अविरल और पावन प्रेम की रसधार दूँ।
गीत गजलों और छंदों का तुम्हें संसार दूँ।।
एक…

दर्द का अहसास डूबा इस जगत की थाह में,
शूल भी चुभते रहे हैं मोड़ लेती राह में,
हर तरफ घन छा रहे हैं देखना जिनको कठिन,
ठोकरें खाता रहा हूँ रोशनी की चाह में,
डाल जीवन में तुम्हारे प्रेम का हर तार दूँ।
गीत…

बैठ कर छत पर कभी वो देर तक का जागना,
एक दूजे से चिपक कर सर्दियों में तापना,
हो गए इतने बड़े कब याद कुछ आता नहीं,
याद है केवल तुम्हारा मस्त होकर नाचना,
राग की वीणा बनो गर इक मधुर झनकार दूँ।
गीत…

भावनाएँ तृप्त कर दो सौंप कर अपने अधर,
थक गया हूँ हर दुआ है आज मेरी बेअसर,
बिन सहारे जिंदगी में सिर्फ मिलती है घुटन,
थाम लोगे हाथ तो आसान होगा हर सफर,
चाँदनी हो तुम अगर तो चाँद बन कर प्यार दूँ
गीत…

उत्तम सिंह ‘व्यग्र’
भरतपुर (राज.)
मो. 9414445432