“दोहा मुक्तक”
पारिजात सुन्दर छटा, शम्भू के कैलाश। पार्वती की साधना, पुष्पित अमर निवास। महादेव के नगर में, अतिशय मोहक फूल- रूप
Read Moreपारिजात सुन्दर छटा, शम्भू के कैलाश। पार्वती की साधना, पुष्पित अमर निवास। महादेव के नगर में, अतिशय मोहक फूल- रूप
Read Moreसंगीत सुहाना बच्चों का हँसना मुस्काना, जीवन का सुन्दरतम गाना। इससे अच्छा नहीं मिलेगा, दुनियाँ में संगीत सुहाना। — प्रभु
Read Moreआग हमारे बहुत काम की, कभी न करती कुट्टी, एक ही दिन हड़ताल करे तो, हो हम सबकी छुट्टी.
Read Moreनहीं गंदगी रहने देंगे आँगन का,कमरों का कचरा, हर दिन शाम खंगाला मैंने। सुबह सुबह
Read Moreमुक्तक-1 जनता के जज्बातों से खेलना मेरा काम देखो सीना छप्पन से अच्छा हो परिणाम दुनिया चाहे कुछ भी कहे
Read Moreथर थर कांपे हाथी दादा, कांपे खूब बंदर। ठंडी ठंडी हवा चली है, शीत वन के अंदर। शेर राजा
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