सदाबहार काव्यालय-21
कविता रोको अन्याय के धारों को मत रोको इन बरसातों को दो भीगने तन-मन-प्राणों को माना कपड़े गीले होंगे
Read Moreकविता रोको अन्याय के धारों को मत रोको इन बरसातों को दो भीगने तन-मन-प्राणों को माना कपड़े गीले होंगे
Read Moreअगले कमरे से आ रही ठहाकों की आवाज़ में जगत न्यूज़ नहीं सुन पा रहे थे। उन्होंने टीवी बंद कर
Read Moreजहर कुछ जात का लाओ तो कोई बात बने । आग मजहब से लगाओ तो कोई बात बने ।। देश
Read Moreउदारता जहां मानव के सर्वश्रेष्ठ गुणों में से एक है वहीं कंजूसी को अधिकांश लोग अच्छा गुण नहीं मानते। परंतु
Read Moreआज पुणे में जातिवाद हिंसा हुई। जिसने अब पूरे महाराष्ट्र को चपेट में ले लिया। इसे समझने के लिए आइये इतिहास
Read Moreओ३म् मनुष्य का शरीर अन्नमय है। यह शीतोष्ण आदि कारणों से रोगी होकर दुःखों को प्राप्त होता है। व्यायाम की
Read More