सैंडविच
सुमन ऊपर के कमरे में दरवाज़ा उढ़काकर पढ़ाई कर रही थी. कल उसका एम.बी.ए. का आखिरी पेपर था. सारे पेपर
Read Moreखो गई हैं पलकों में कई रातें हवा में गुम हो गई मेरी ख़ामोशी एक गीली शाम ओस में लिपटी
Read Moreजब आँखें खुलीं मैंने देखा कुछ बूंदें नमक की है कोरो के भीतर मेरे अंदर का समुंद्र है आज शायद
Read Moreदेश की आन ,बान और शान हूँ, हाँ! मैं किसान हूँ! चीर कर सीना धरती का, महकती फसल का सम्मान
Read Moreबात मेरी तुम एक मान लो, अगर ख्वाहिश करनी पूरी है। आज की मजबूरी है, चापलूसी करना जरूरी है। बेटा
Read Moreजमाने की हवाओ से टूट चुके है वे पेड़, जो कभी तूफानों के तेवर गिरा दिया करते थे! मानवीय सवेंदनाओ
Read Moreमहाराष्ट्र में हुई हिंसा इस बात का प्रतीक है कि वे तमाम दल जो जातिवादी राजनीति करते रहे हैं और
Read Moreबिगड़ा है पर्यावरण,बढ़ता जाता ताप ! ज़हरीली सारी हवा,कैसा यह अभिशाप !! पेट्रोल,डीजल जले,बिजली जलती ख़ूब ! हरियाली नित रो
Read Moreहिम्मत,ताक़त,शौर्य विहंसते,तीन रंग हर्षाये हैं ! सम्प्रभु हम,है राज हमारा,अंतर्मन मुस्काये हैं !! क़ुर्बानी ने नग़मे गाये, आज़ादी का वंदन
Read Moreयुवा चेतना दे रहे,स्वामी जी सानंद ! था ‘विवेक’ पाया सदा,इसीलिये ‘आनंद’ !! किये काम,सो हैंअमर,सदा रहेंगे पास ! नव
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