“हाइकु”
मन मयूरी है सुंदर खजूरी करें हुज़ूरी॥-1 ओस छाई है ठंडी ऋतु आई है क्या रजाई है॥-2 विहग उड़े सिहर
Read Moreरोटी के टुकड़ों पर मेरा जीवन चलता, कभी-कभी तो मुझको जूठन ही मिलता। स्वामी कदमों पर लेकिन न्योक्षावर रहता, मैं
Read More“हाल जस के तस बने है” साल कितने ही बदलते, हाल जस के तस बने है। करवटे कितनी बदलते, ठण्ड
Read Moreजल्दी उठकर छत पर पंहुचा… पूर्व क्षितिज पर दृष्टि जमाकर सोचा!!! कुछ बड़ा होगा आज सूरज, सोचा – आज नया
Read Moreमाँ सरस्वती सब को सुबुद्धि दे !! मेरा यह सन्देश मेरे सभी मित्रों और विशेषकर जय विजय से जुड़े रचनाकारों के
Read Moreकिसी अनहोनी की आशंका से नंदिनी संशकित हो उठी थी लेकिन मन के भाव अपने अंतर में दबाते हुए नाराजगी
Read Moreसंविधान हमें जीवन जीने का अधिकार देता है। तो उसके साथ संविधान की धारा-47 सबके लिए स्वास्थ्य सुविधाएं मुहैया कराए
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