कविता

लड़कियाँ भी खराब होती है

सब गलतियां लड़कों की निकाल देती हैं

लड़के ही नहीं बोहोत लड़कियां भी खराब होती हैं

किसी भी सीधे लड़के को देखकर मुस्कुरा देती हैं

और उसके साथ बात करके फसा देती हैं

लड़के ही नहीं बोहोत लड़कियां भी खराब होती हैं

सीधे सादे लड़के को अपने आप में उलझा देती हैं

बनाकर बहाने उनको उल्लू बना देती हैं

और फिर जाल जैसे फैला देती हैं

लगाकर झूठा आरोप जेल भी करा देती हैं

बोहोत बार झूठे आंसू बहकर लोगों को फसा देती हैं

लड़के भी नहीं बोहोत लड़कियां भी खराब होती हैं

करके वादे वफ़ा के किसी और का हाथ थाम लेती हैं

कसमे खाकर झूठी किसी और की बाहों में मिलती हैं

लड़के ही नही बोहोत लड़कियां भी खराब होती हैं

— नेहा शर्मा

नेहा शर्मा

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