कड़वे दोहे
अंतर्मन में घुल गया,विष बनकर आघात ! सुबहें गहरी हो गयीं,घायल है हर रात !! धुंआ हो गयी ज़िन्दगी,हुई ख़त्म
Read Moreअंतर्मन में घुल गया,विष बनकर आघात ! सुबहें गहरी हो गयीं,घायल है हर रात !! धुंआ हो गयी ज़िन्दगी,हुई ख़त्म
Read Moreएक दिन एक गौरैया अपनी पड़ोसन गौरैया से बोली, “बहन! कल, रघु काका, जिनके घर के छप्पर में हम कईयों
Read More” पाखण्ड ” भाव जगाना हमको आता , रंग जमाने में क्या जाता ! हाथ हमारे भले कुछ नही ,
Read More“क्यों ये रस्मों रिवाजों के बन्धन तोड़कर मेरे साथ नही आती… क्यों मेरा प्रेम मुकम्मल नहीं करती… मैं भी तो तुम्हारे लिये
Read Moreदेश-विदेश में विशेष दिन मनाए जाने की प्रथा है. अब से कुछ साल पहले ये विशेष दिन बिना किसी विवाद
Read Moreपराधीन भारत में अंग्रेज पादरियों और अधिकारियों की आर्यसमाज के अनुयायियों पर कू्रर दण्डात्मक दृष्टि थी। इसके लगभग 24 उदाहरण
Read Moreओ३म् संसार में सत्य और असत्य तथा विद्या और अविद्या का अस्तित्व है और मनुष्य को दोनों का ज्ञान होना
Read More