गीतिका – लेखनी की धार की
कीजिए ना बात हमसे, तीर और तलवार की है बहुत ताक़त बड़ी, इस लेखनी की धार की। ज़ख़्म क्या नासूर
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Read Moreआज़ादी की जंग जानो न सुगम थी आसानी से आनी हैं इसमें छुपी हमारी बीर बिरागनाओ की गाथा अदभुत सुननी
Read Moreशिक़ायत पर शिक़ायत कर रहा है अभी भी वो मुहब्बत कर रहा है बड़ी मेहनत-मशक्कत कर रहा है वो ख़्वाबों
Read Moreयुवा, राजनीति और बेरोजगारी। ये तीन शब्द हिंदी भाषा में अपना-अपना अर्थ और महत्व रखते हैं। पर किसी न किसी
Read Moreसर्वप्रथम मैं यह स्पष्ट कर देना जरूरी समझाता हूँ कि मुझे महादेव शिवशंकर में पूर्ण आस्था है और मैं भी
Read Moreआज पन्द्रह अगस्त है । शहर के खेल मैदान में पूरा शहर ‘स्वतंत्रता-दिवस’ मनाने जा रहा है । सुबह का
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