कविता

कविता – अयोध्या !!

ये वही अयोध्या है,
जो श्री राम वाली है।
जो दीप* नही इस नगरी,
वो किस काम वाली है।।

जो भूल गये इसको,
उसको राम भूलेगे ।
जो मथुरा को भूले,
उसे श्याम भूलेगे ।।

जिसे भोले ने भी सराहा है,
वही रघुकुल वाली है।
जो सजी दिख रही है,
इसी शाम वाली है।।

जो रावण को मारे,
जो शेबरी अहिल्या को तारे,
ये वही अयोध्या है,
मेरे श्री राम वाली है।।
हृदय जौनपुरी

हृदय नारायण सिंह

मैं जौनपुर जिले से गाँव सरसौड़ा का रहवासी हूँ,मेरी शिक्षा बी ,ए, तिलकधारी का का लेख जौनपुर से हुई है,विगत् 32 बरसों से मैं मध्यप्रदेश के धार जिले में एक कंपनी में कार्यरत हूँ,वर्तमान में मैं कंपनी में डायरेक्टर के तौर पर कार्यरत हूँ,हमारी कंपनी मध्य प्रदेश की नं-1 कम्पनी है,जो कि मोयरा सीरिया के नाम से प्रसिद्ध है। कविता लेखन मेरा बस शौक है,जो कि मुझे बचपन से ही है, जब मैं क्लास 3-4 मे था तभी से