धर्म-संस्कृति-अध्यात्म

विशेष सदाबहार कैलेंडर-129

1.एक प्यारा-सा दिल, जो कभी नफरत नहीं करता,
एक प्यारी-सी मुस्कान, जो कभी फीकी नहीं पड़ती,
एक अहसास, जो कभी दुःख नहीं देता,
दोस्ती एक ऐसा रिश्ता, जो कभी खत्म नहीं होता.

2.छोटी-छोटी खुशियां ही तो जीने का सहारा बनती हैं,
ख्वाहिशों का क्या, वो तो पल-पल बदलती हैं.

3.मौन और मुस्कान,
दोनों का इस्तेमाल कीजिए,
मौन रक्षा-कवच है,
तो मुस्कान स्वागत-द्वार.

4.जिंदगी में ऐसा कुछ करो,
काम दोनों का चता रहे,
आंधियां भी चलती रहें
और दिया भी जलता रहे.

5.खुद में झांकने के लिए जिगर चाहिए,
दूसरों की शिनाख़्त में तो हर शख्स माहिर है.

6.कहने दो लोगों को जो कहते हैं बुरा हमें,
अपना क्या जाता है, ये तो वक्त-वक्त की बात है,
और वक्त तो सबका आता है.

7.हम चैन से सो पाएं,
इसलिए ही वे ”सो गए”,
वो भारतीय फौजी थे,
जो आज शहीद हो गए.

8.अमीरों के चेहरे पे कभी मुस्कान नहीं होती,
गरीबों के चेहरे पे कभी थकान नहीं होती,
सब कुछ खरी सकती है दौलत इस दुनिया में,
पर शुक्र है मुस्कुराहट किसी की गुलाम नहीं होती.

9.आसमां के तारों में खोया है जहां सारा,
लगता है प्यारा, एक-एक तारा,
उन तारों में सबसे प्यारा एक सितारा,
जो इस वक्त पढ़ रहा है मैसेज हमारा.

10.ये सितारे चाहते हैं कि रात आए,
हम लिखें जो आपका जवाब आए,
सितारों-सी चमक तो नहीं है मुझमें,
लेकिन हम ऐसा क्या करें, कि आपको हमारी याद आए!

11.इश्क में कोई दिल तोड़ जाता है,
दोस्ती में कोई भरोसा तोड़ जाता है,
जिंदगी जीना तो कोई गुलाब से सीखे,
जो खुद टूटकर भी दिलों को जोड़ जाता है,

12.एक पहचान हजारों दोस्त बना देती है,
एक मुस्कान हजारों ग़म भुला देती है,
जिंदगी के सफर में संभलकर चलना,
एक गलती हजारों सपने जलाकर राख कर देती है.

13.चेहरे की हंसी से हर गम चुराओ,
बहुत कुछ बोलो पर कुछ न छिपाओ,
खुद न रूठो कभी पर सबको मनाओ,
राज है ये जिंदगी का बस जीते चले जाओ.

14.छोटे-से दिल में ग़म बहुत हैं,
जिंदगी में मिले जख्म बहुत हैं,
मार ही डालती कब की ये दुनिया हमें,
प्यारे-प्यारे दोस्तों की दुआओं में दम बहुत है.

15.फूल खुशबू के लिए,
प्यार निभाने के लिए,
आंखें दिल चुराने के लिए,
मेरा मैसेज आपको मेरी याद दिलाने के लिए.

16.चाहता तो हूं हर सुबह आपको अनमोल खजाना भेजूं,
पर मेरे पास दुआओं के सिवा कुछ भी नहीं,

17.दिल से निकली दुआ है हमारी,
जिंदगी में मिलें आपको खुशियां ढेर सारी,
गम न दे खुदा कभी भी आपको,
चाहे तो एक खुशी कम कर ले हमारी.

18.ख्यालातों के बदलने से भी नया दिन निकलता है,
सिर्फ़ सूरज के चमकने से ही सवेरा नहीं होता.

19.माना कि आपसे रोज मुलाकात नहीं होती,
आमने-सामने कभी बात नहीं होती,
मगर हर सुबह आपको दिल से याद कर लेते हैं,
जिसके बिना हमारे दिन की शुरुआत नहीं होती.
प्यार, परवाह, शरारत और थोड़ा समय,
यही वो दौलत है,
जो अक्सर हमारे अपने हमसे चाहते हैं
और हम अपनों से चाहते हैं.

20.हम अपने आप पर गुरुर नहीं करते,
किसी को प्यार करने पर मजबूर नहीं करते,
जिसे एक बार दिल से दोस्त बना लें,
उसे मरते दम तक दिल से दूर नहीं करते.

21.दिन बीत जाते हैं सुहानी यादें बनकर,
बातें रह जाती हैं महज कहानी बनकर,
पर दोस्त तो हमेशा दिल के करीब रहेंगे,
कभी मुस्कान तो कभी आंखों का पानी बनकर.
साइलेंट मोड पर सिर्फ़ फो अच्छे लगते हैं,
रिश्ते-नाते और दोस्त नहीं.

22.मिलना-बिछड़ना सब किस्मत का खेल है,
कभी नफरत तो कभी दिलों का मेल है,
बिक जाता है हर रिश्ता दुनिया में,
बस एक दोस्ती है, जो Not For Sale है.

23.सपनों से दिल लगाने की आदत नहीं रही,
हर वक्त मुस्कुराने की आदत नहीं रही,
ये सोच के कि कोई मनाने नहीं आएगा,
हमें रूठ जाने की आदत नहीं रही.

24.सहारा लेना ही पड़ता है मुझको दरिया का
मैं एक कतरा हूँ तनहा तो बह नहीं सकता.

25.मीठे बोल बोलिए, क्योंकि अल्फाज़ों में जान होती है,
इन्हीं से आरती, अरदास और अज़ान होती है,
ये दिल के समंदर के वो मोती हैं,
जिनसे इंसान की पहचान होती है.

26.हम भी वही होते हैं,
रिश्ते भी वही होते हैं,
रास्ते भी वही होते हैं,
बदलता है तो बस
समय, नजरिया और अहसास.

27.सूरज के बिना सुबह नहीं होती,
चांद के बिना रात नहीं होती,
बादक के बिना बरसात नहीं होती,
आपकी याद के बिना दिन की शुरुआत नहीं होती,

28.सूर्य निकलता है पूरब से,
दिन शुरु होता है आपकी याद से,
कहना चाहते हैं हम आपको दिल से,
आपका दिन अच्छा हो जाए हमारे सुप्रभात से.

29.सुबह-सुबह एक अनमोल वचन,
आपकी मनोदशा को कुछ ऐसे संवार सकता है
कि आपका पूरा दिन अच्छी अनुभूति में गुजर जाए.

30.वजह नफरतों की तलाशी जाती है,
मुहब्बत तो बिन वजह ही हो जाती है.

31.यूं न पढ़िए कहीं-कहीं से हमें,
हम इंसान हैं, किताब नहीं.

*लीला तिवानी

लेखक/रचनाकार: लीला तिवानी। शिक्षा हिंदी में एम.ए., एम.एड.। कई वर्षों से हिंदी अध्यापन के पश्चात रिटायर्ड। दिल्ली राज्य स्तर पर तथा राष्ट्रीय स्तर पर दो शोधपत्र पुरस्कृत। हिंदी-सिंधी भाषा में पुस्तकें प्रकाशित। अनेक पत्र-पत्रिकाओं में नियमित रूप से रचनाएं प्रकाशित होती रहती हैं। लीला तिवानी 57, बैंक अपार्टमेंट्स, प्लॉट नं. 22, सैक्टर- 4 द्वारका, नई दिल्ली पिन कोड- 110078 मोबाइल- +91 98681 25244

One thought on “विशेष सदाबहार कैलेंडर-129

  • लीला तिवानी

    आज का सुविचार-

    सुप्रभात कोई साधारण शब्द नहीं, बहुत ही अर्थपूर्ण है,
    सु- सुबह से शाम तक आप
    प्र- प्रसन्नता पूर्ण
    भा- भाग्यशाली एवं
    त- तनाव रहित रहें.

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