लघुकथा

पायल – एक मिसाल

पायल बेटी स्नेह। दादा जी को अश्रुपूर्ण श्रद्धांजलि। मुझे कई बार उनका आशीर्वाद प्राप्त करने का सौभाग्य मिला था। नियमित रूप से तुम उनके साथ टहलने के लिए ले जाती थीं। उनके प्रति तुम्हारी निस्वार्थ सेवा नई पीढ़ी के लिए एक अनुकरणीय मिसाल है। वर्तमान युवा पीढ़ी के पास मम्मी पापा के लिए भी मात्र साल भर में एक दिन होता है जब मदर्स फादर्स डे पर सोशल साइट्स पर ढोग कर प्रचार के झूठे गीत गाते हैं। सेल्फि वाट्सएप फेसबुक फोटो में उलझी युवा पीढ़ी तुम जैसी बेटी से बहुत कुछ सीख सकती है। दादा जी की अनमोल शिक्षाओं का पालन ही उनके प्रति एक सच्ची श्रद्धांजलि होगी।
मुझे गर्व है कि तुम से मेरा परिचय होकर एक रिश्ता जुड़ गया। दादा जी के आशीर्वाद से तुम्हारा जीवन सरल सहज सदुपयोग से परिपूर्ण रहेगा। निस्वार्थ सेवा के अपने गुण को मम्मी पापा के लिए भी बनाए रखना एवं नई पीढ़ी का मार्गदर्शन करती रहना। सस्नेह एक नए लेकिन तुम्हारे शुभचिंतक दिलीप अन्कल।

–दिलीप भाटिया

*दिलीप भाटिया

जन्म 26 दिसम्बर 1947 इंजीनियरिंग में डिप्लोमा और डिग्री, 38 वर्ष परमाणु ऊर्जा विभाग में सेवा, अवकाश प्राप्त वैज्ञानिक अधिकारी