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हेमंत कुमार शर्मा ‘दिल’ का एकल काव्यपाठ संपन्न

हिंदी के चर्चित कवि गजलकार श्री हेमंत शर्मा दिल के सम्मान में ट्रू मीडिया चैनल साहिबाबाद में उनका एकल काव्य पाठ का आयोजन किया गया जिसकी अध्यक्षता जाने-माने राष्ट्रीय गीतकार डॉक्टर जय सिंह आर्य ने की। मुख्य अतिथि बुलंदशहर से पधारे श्री होशियार सिंह संबर  (वरिष्ठ लोक गीतकार बुलन्दशहर) थे। सानिध्य रहा जाने-माने हास्य व्यंग्य कवि  हलचल हरियाणवी का। विशिष्ट अतिथि थे श्री सुदेश कुमार दिव्य मेरठ से पधारे थे गीतकार का।संचालन सुप्रसिद्ध कवि संजय जैन का रहा।
मेरठ से पधारी गीतकार सुषमा सवेरा की सरस्वती वंदना से कार्यक्रम का शुभारंभ हुआ। इस अवसर पर ट्रू मीडिया के संपादक ओमप्रकाश प्रजापति ने सभी अतिथियों का शाल, प्रतीक चिन्ह एवं पुष्पहार देकर स्वागत किया। सुप्रसिद्ध  चिकित्सक प्रोफेसर राम इस अवसर पर विशिष्ट रूप से उपस्थित रहे।
इस मौक़े पर श्री हेमन्त शर्मा दिल ने अपने एक घंटे के काव्य पाठ से सभी को मंत्रमुग्ध कर दिया। उन्होंने अपने गीत ,अपनी गजलें ,अपने  मुक्तको को सुना कर  वातावरण को रसमयी बनाया। उनके दोहे ने निर्धन मन की पीड़ा को सही अभिव्यक्ति प्रदान की दोहा देखें ,
इन नैनो में किस तरह छलक रहा है नीर
यह बस वो ही जानता  जिसने भोगी पीर

उनकी ग़ज़लों ने भी खूब वाहवाही लूटी उनकी गजलों के शेर देखें

जब से आंख मिली है उनसे
मयखाने गुलजार  बहुत  हैं
*
जो कल थे सरदार शहर के
सुनते  हैं  लाचार  बहुत   हैं

मेरठ से पधारे कविवर सुदेश कुमार दिव्य ने अपनी रचनाओं में श्रंगार भरकर जो मुक्तक सुनाएं उससे श्रौता समूह झूम उठा उनका मुक्तक देंखे
तेरी    याद     में    इतना    रोए    सनम
आंख  में   अश्क भी  हो   गए  हैं  खत्म
तेरे   बिन  जीना  मुश्किल  हुआ   बाबरी
आ भी जा, आ भी जा तुझको मेरी कसम

विशिष्ट अतिथि श्री राजवीर सिंह देवसर की मुरली सुनकर सभी मस्त हो गये।  उनके सुनाते गीत  ने सभी का मन मोह लिया गीत के बोल देखें

मोम सा दिल है मेरा आग लाओ ना अभी
चांदनी  रात  खिली  दूर  जाओ  ना अभी

इस अवसर पर अपने अध्यक्षीय उद्बोधन में डॉक्टर जयसिंह आर्य ने हेमंत कुमार दिल को एक बहुमुखी  व्यक्तित्व बताया। उन्होंने कहा कि हेमंत कुमार शर्मा के गीतों में, गजलों में ,दोहों में ,मुक्तको में आम आदमी की पीड़ा का स्वर मुखरित हुआ है उनको बहुत-बहुत बधाई दी।
इस अवसर पर डॉ जय सिंह आर्य ने अपने काव्य पाठ में दिवाली के उपलक्ष्य में अपना एक मुक्तक पढ़ा   बानगी देखिए

प्यार का एक  दिया  जला लेना
मन को मंदिर  सा तू  बना  लेना
फूल सा खिल उठेगा यह जीवन
राम- सीता  से   लौ  लगा  लेना

वरिष्ठ हास्य व्यंग्य कवि श्री हलचल  हरियाणवी ने अपने व्यंग्य बाण छोड़ते हुए कहा

मांगन मरण समान है ,मत मांगो कोई भीख
मंदी, महंगी  दौर   में   जेब   काटना   सीख

बुलंदशहर उत्तर प्रदेश से पधारे समधुर लोकगीतकार  श्री होशियार सिंह शंबंर मुख्य अतिथि ने अपने दोहों में कुछ यूं कहा

तीरथ सुख की कल्पना पूरे हो सब काम
मात , पिता,  गुरु, देवता चारों तीर्थ धाम

सुप्रसिद्ध ग़ज़लकार संजय जैन ने जहां अपने संचालन से सभी को प्रभावित किया वहां उनकी कविताओं ने भी सबका मन मोह लिया देखें उनकी एक बानगी

हौसला  हो  तो  लकीरें   भी    बदल   सकती  है
नाव  कागज  की  समंदर  में  भी  चल  सकती है
यह   बपौती   तो   नहीं   है   बस   अमीरों    की
ख्वाइशें दिल   में फकीरों  के भी  पल सकती है

इस अवसर पर कविवर विनय  नोक ने भी अपनी कविताओं के व्यंग्य बाण छोड़े। कविवर रणवीर सिंह अनुपम, भूपेंद्र राघव ने अपनी उपस्थिति दर्ज कराई।

कार्यक्रम के अंत में ट्रू मीडिया के संपादक श्री ओम प्रकाश प्रजापति ने सभी अतिथियों का आभार प्रकट किया और सब को एक साथ मिलकर भोजन के लिए आमंत्रित किया।