गीतिका/ग़ज़ल

ग़ज़ल

बेबसी की आख़िरी रात कभी तो होगी
रहमतों की बरसात कभी तो होगी

जो खो गया था कभी राह-ए-सफ़र में
उस राही से मुलाक़ात कभी तो होगी

हो मुझ पर निगाह-ए-करम तेरी
इबादत में ऐसी बात कभी तो होगी

आऊंगा तेरी चौखट पे मेरे मालिक
मेरे कदमों की बिसात कभी तो होगी

लगेगा ना दिल तेरा कहीं मेरे बिना
इन आंखों से करामात कभी तो होगी

स्वीकार कर सके नाकामी अपनी
हुक्मरानों की औक़ात कभी तो होगी

ना कोई हिन्दू होगा ना मुसलमान
इंसानों की एक जमात कभी तो होगी

आलोक कौशिक 

आलोक कौशिक

नाम- आलोक कौशिक, शिक्षा- स्नातकोत्तर (अंग्रेजी साहित्य), पेशा- पत्रकारिता एवं स्वतंत्र लेखन, साहित्यिक कृतियां- प्रमुख राष्ट्रीय समाचारपत्रों एवं साहित्यिक पत्रिकाओं में सैकड़ों रचनाएं प्रकाशित, पता:- मनीषा मैन्शन, जिला- बेगूसराय, राज्य- बिहार, 851101, अणुडाक- devraajkaushik1989@gmail.com