लेखविज्ञान

1 से 1,00,000 तक की संख्याओं का वर्गमूल निकालने की आसान विधि

1 से 1,00,000 तक की संख्याओं का वर्गमूल निकालने की आसान विधि

विधि (1.)

3 अंकों की संख्याओं का वर्गमूल निकालने के लिए संख्या के प्रथम अंक को इस दृष्टि से उपयोग में लाते हैं, ताकि वह किसी पूर्ण वर्ग में या उसके सन्निकट आ जाए । फिर मौखिक रूप से उक्त गुणन के दोनों पूर्ण वर्गमूल को जोड़ते हैं (यदि प्रथम अंक में घटाने पर हाशिए में बचे अंक है तो उसे भी योग में शामिल कर) तथा उसे मध्य अंक के आगे रखकर दो अंकोंवाली संख्या में लेते हैं, अब इसके विकल्प के लिए आवश्यकतानुसार 1 या 9, 2 या 8, 3 या 7, 4 या 6 तथा 0, 5 के वर्ग को नए दो अंकोंवाली संख्या में घटाते हैं। यदि शेष 5 या 5 से अधिक आए, तो वर्गमूल का इकाई अंक क्रमश: 9, 8, 7 या 6 आएगा और 5 से कम आने पर 1, 2, 3 या 4 रहेगा, जबकि 0, 5 आने पर स्थिति सामान्य रहेगी।

उदाहरण :-

196 ★ 1 का वर्ग 1 ही आने पर मौखिकत: 1 + 1 = 2 और मध्य अंक ‘9’ को एक साथ रखकर नई संख्या 29 (क्योंकि हाशिए में कुछ नहीं बचता है) में 5 का वर्ग 25 (जो 29 के सन्निकट है) को घटाते हैं, शेष 4 पाते हैं, जो 5 से कम है। अत: वर्गमूल का इकाई अंक, वर्ग के 6 के अनुसार 4 होगा अर्थात 196 का वर्गमूल 14 प्राप्त होगा।

विधि (2.)

4 अंकों की संख्याओं काज वर्गमूल निकालने के लिए संख्या के पहले दो अंक को इस दृष्टि से उपयोग में लाते हैं, ताकि वह किसी निकटतम पूर्ण वर्ग में आ जाए । फिर मौखिक रूप से उस पूर्ण वर्ग को संख्या के प्रथम दो अंक में घटाते हैं। यदि शेष 5 या 5 से अधिक आए, तो वर्गमूल का इकाई अंक क्रमश: 9, 8, 7 या 6 जाएगा, अन्यथा 1, 2, 3, 4 आएगा । पूर्ण वर्ग संख्या के इकाई अंक 0 या 5 रहने पर वर्गमूल भी 0 या 5 रहने पर वर्गमूल भी 0 या 5 इकाई अंक का रहता है।

उदाहरण :-

2401 ★ 4 × 4 = 16, पुन: 24 – 16 = 8, जो 5 से अधिक है । अत: इकाई अंक में 9 आएगा, अर्थात 2401 का वर्गमूल 49 होगा।

विधि (3.)

5 अंकों की पूर्ण वर्ग संख्याओं का वर्गमूल निकालने के लिए संख्या के पहला अंक को इस दृष्टि से उपयोग में लाते हैं, ताकि वह किसी पूर्ण वर्ग में या उसके निकटतम संख्या में आ जाए । फिर मौखिक रूप से प्रथम अंक के बाद के दो अंक मिलाकर तीन अंकों की संख्या में उसके नजदीकी पूर्ण वर्ग को घटाकर यह देखते हैं कि शेष 5 या 5 से अधिक आता है, तो वर्गमूल का इकाई अंक आवश्यकतानुसार क्रमश: 9, 8, 7 या 6 और कम आने पर 1, 2, 3 या 4 होंगे । अब वर्गमूल के बीचवाला अंक ज्ञात करने के लिए संख्या के दहाई अंक को इकाई अंक मानकर (संख्या के प्रथम अंक में पूर्ण वर्गमूल संख्या घटाने पर हाशिए के शेष रहने की स्थिति में सैकड़ा अंक के रूप में 1 लेते हैं, जो दहाई अंक होता है) प्राप्त दो या एक (हाशिए नहीं रहने की स्थिति में) अंकों की नई संख्या का 1/2, पाँच अंकों के पूर्ण वर्ग संख्या की तीन अंकों के वर्गमूल की बीचवाली संख्या होती है।

उदाहरण :-

14641 ★ प्रथम अंक के रूप में 1 लिखते हैं, अंतिम अंक ज्ञात करने के लिए 12 × 12 = 144 को 146 में घटाते हैं, अंतर ‘2’ आता है । अत: अंतिम अंक 1 होगा (क्योंकि 5 से कम आने पर वर्गमूल के इकाई अंक 1, 2, 3 या 4 रहेंगे) अब वर्गमूल के मध्य अंक जानने के लिए वर्ग संख्या के दहाई अंक 4 (संख्या का प्रथम अंक में योग्य वर्गमूल का पूर्ण वर्ग घटाने पर शेषांश शून्य प्राप्त होता है, जो सैकड़ा अंक या नई संख्या का दहाई अंक होता है) अत: 4/2 = 2 प्राप्त होता है, अर्थात 14641 का वर्गमूल 121 होगा।

डॉ. सदानंद पॉल

एम.ए. (त्रय), नेट उत्तीर्ण (यूजीसी), जे.आर.एफ. (संस्कृति मंत्रालय, भारत सरकार), विद्यावाचस्पति (विक्रमशिला हिंदी विद्यापीठ, भागलपुर), अमेरिकन मैथमेटिकल सोसाइटी के प्रशंसित पत्र प्राप्तकर्त्ता. गिनीज़ वर्ल्ड रिकॉर्ड्स होल्डर, लिम्का बुक ऑफ रिकॉर्ड्स होल्डर, इंडिया बुक ऑफ रिकॉर्ड्स, RHR-UK, तेलुगु बुक ऑफ रिकॉर्ड्स, बिहार बुक ऑफ रिकॉर्ड्स इत्यादि में वर्ल्ड/नेशनल 300+ रिकॉर्ड्स दर्ज. राष्ट्रपति के प्रसंगश: 'नेशनल अवार्ड' प्राप्तकर्त्ता. पुस्तक- गणित डायरी, पूर्वांचल की लोकगाथा गोपीचंद, लव इन डार्विन सहित 12,000+ रचनाएँ और संपादक के नाम पत्र प्रकाशित. गणित पहेली- सदानंदकु सुडोकु, अटकू, KP10, अभाज्य संख्याओं के सटीक सूत्र इत्यादि के अन्वेषक, भारत के सबसे युवा समाचार पत्र संपादक. 500+ सरकारी स्तर की परीक्षाओं में अर्हताधारक, पद्म अवार्ड के लिए सर्वाधिक बार नामांकित. कई जनजागरूकता मुहिम में भागीदारी.