लघुकथा

सत्ता के ठग

दार्शनिक ने दर्शन बहाए, “शेर उसे कहते हैं, जो दूसरे का आहार नहीं छीने! लेकिन उन्होंने छिना ! हर पिछड़ा वर्ग उन्हें प्यार करता था, तबतक ! खुद नहीं, तो बीवी को सत्ता ! बीवी नहीं, तो बेट्टे को सत्ता ! उस पार्टी में एक से एक कद्दावर नेता रहने के बावजूद ! सत्ता के इर्दगिर्द रहने से ही समाजसेवा नहीं होती, हम कार्यकर्त्ता की तरह बाहर रहकर भी होती है।” इस दर्शन से प्रभावित हो कई बेरोजगार दार्शनिक हो गए !

डॉ. सदानंद पॉल

एम.ए. (त्रय), नेट उत्तीर्ण (यूजीसी), जे.आर.एफ. (संस्कृति मंत्रालय, भारत सरकार), विद्यावाचस्पति (विक्रमशिला हिंदी विद्यापीठ, भागलपुर), अमेरिकन मैथमेटिकल सोसाइटी के प्रशंसित पत्र प्राप्तकर्त्ता. गिनीज़ वर्ल्ड रिकॉर्ड्स होल्डर, लिम्का बुक ऑफ रिकॉर्ड्स होल्डर, इंडिया बुक ऑफ रिकॉर्ड्स, RHR-UK, तेलुगु बुक ऑफ रिकॉर्ड्स, बिहार बुक ऑफ रिकॉर्ड्स इत्यादि में वर्ल्ड/नेशनल 300+ रिकॉर्ड्स दर्ज. राष्ट्रपति के प्रसंगश: 'नेशनल अवार्ड' प्राप्तकर्त्ता. पुस्तक- गणित डायरी, पूर्वांचल की लोकगाथा गोपीचंद, लव इन डार्विन सहित 12,000+ रचनाएँ और संपादक के नाम पत्र प्रकाशित. गणित पहेली- सदानंदकु सुडोकु, अटकू, KP10, अभाज्य संख्याओं के सटीक सूत्र इत्यादि के अन्वेषक, भारत के सबसे युवा समाचार पत्र संपादक. 500+ सरकारी स्तर की परीक्षाओं में अर्हताधारक, पद्म अवार्ड के लिए सर्वाधिक बार नामांकित. कई जनजागरूकता मुहिम में भागीदारी.