संस्मरण

कवि और रेखांकनकार

हिंदी और मगही के कवि, उच्चस्तरीय रेखांकनकार तथा बिहार विधान परिषद के ईमानदार कर्मी श्री राकेश प्रियदर्शी एक प्रतिष्ठित नाम है । उनकी कविता सरकारी स्तर की मगही पाठ्यपुस्तक में प्रकाशित है, तो हजारों रेखांकन हंस, कथादेश, आजकल, वागर्थ, नया ज्ञानोदय इत्यादि जैसी सैकड़ों स्वनामधन्य पत्रिकाओं में प्रकाशित हुई हैं, जो अब भी अनवरत जारी है।

उन्हें सामाजिक कार्यों के प्रति न केवल गहरी अभिरुचि, अपितु इन कार्यों के प्रति जुनूनी सरोकार भी है । वे रेडियो वार्त्ता के लिए भी अक्सर भाग लेते रहते हैं । उनके पास पुस्तकद्वय ‘पूर्वांचल की लोकगाथा गोपीचंद (शोध)’ और ‘लव इन डार्विन (नाट्य पटकथा)’ की प्रति।

उनकी कई पुस्तक प्रकाशित व संकलित है । कवि प्रियदर्शी जी ने वादा किया है कि दोनों पुस्तक की वे अवश्य ही समीक्षा करेंगे ! सादर आभार, मेरे कवि मित्र श्रीमान राकेश प्रियदर्शी जी ! भविष्यार्थ अनेकानेक शुभकामनाएं कवितांश लिए–

“कमजोर आदमी से
दुश्मनी मत लीजिये,
वरना वे आपको
तब पटखनी देंगे,
जब आप
इस बात को लेकर
किसी प्रकार की
कल्पना तक
नहीं कर सकते !”

डॉ. सदानंद पॉल

एम.ए. (त्रय), नेट उत्तीर्ण (यूजीसी), जे.आर.एफ. (संस्कृति मंत्रालय, भारत सरकार), विद्यावाचस्पति (विक्रमशिला हिंदी विद्यापीठ, भागलपुर), अमेरिकन मैथमेटिकल सोसाइटी के प्रशंसित पत्र प्राप्तकर्त्ता. गिनीज़ वर्ल्ड रिकॉर्ड्स होल्डर, लिम्का बुक ऑफ रिकॉर्ड्स होल्डर, इंडिया बुक ऑफ रिकॉर्ड्स, RHR-UK, तेलुगु बुक ऑफ रिकॉर्ड्स, बिहार बुक ऑफ रिकॉर्ड्स इत्यादि में वर्ल्ड/नेशनल 300+ रिकॉर्ड्स दर्ज. राष्ट्रपति के प्रसंगश: 'नेशनल अवार्ड' प्राप्तकर्त्ता. पुस्तक- गणित डायरी, पूर्वांचल की लोकगाथा गोपीचंद, लव इन डार्विन सहित 12,000+ रचनाएँ और संपादक के नाम पत्र प्रकाशित. गणित पहेली- सदानंदकु सुडोकु, अटकू, KP10, अभाज्य संख्याओं के सटीक सूत्र इत्यादि के अन्वेषक, भारत के सबसे युवा समाचार पत्र संपादक. 500+ सरकारी स्तर की परीक्षाओं में अर्हताधारक, पद्म अवार्ड के लिए सर्वाधिक बार नामांकित. कई जनजागरूकता मुहिम में भागीदारी.