कविता

समर्थन

विधवा शब्द कहना कठिन
उससे भी कठिन
अँधेरी रात में श्रृंगार का त्याग
श्रृंगारित रूप का *विधवा में विलीन होना
जीवन की गाड़ी के पहिये में
एक का न होना चेहरे पर कोरी झूठी
मुस्कान होना
घर आँगन में पेड़ झड़ता सूखे पत्ते
ये भी साथ छोड़ते
जीवन चक्र की भाति
सुना था पहाड़ भी गिरते
स्त्री पर पहाड़ गिरना समझ आया
कुछ समय बाद पेड़ पर पुष्प हुए पल्ल्वित
जिन्हे बालो में लगाती थी कभी
वो बेचारे गिर कर
कह रहे उन लोगो से जो
शुभ कामों में तुम्हे धकेलते पीछे
स्त्री का अधिकार न छीनो
बिन स्त्री के संसार अधूरा
हवा फूलों की सुगंध के साथ
मानों कर रही हो गिरे
पूष्प का समर्थन।

— संजय वर्मा “दृष्टि”

*संजय वर्मा 'दृष्टि'

पूरा नाम:- संजय वर्मा "दॄष्टि " 2-पिता का नाम:- श्री शांतीलालजी वर्मा 3-वर्तमान/स्थायी पता "-125 शहीद भगत सिंग मार्ग मनावर जिला -धार ( म प्र ) 454446 4-फोन नं/वाटस एप नं/ई मेल:- 07294 233656 /9893070756 /antriksh.sanjay@gmail.com 5-शिक्षा/जन्म तिथि- आय टी आय / 2-5-1962 (उज्जैन ) 6-व्यवसाय:- ड़ी एम (जल संसाधन विभाग ) 7-प्रकाशन विवरण .प्रकाशन - देश -विदेश की विभिन्न पत्र -पत्रिकाओं में रचनाएँ व् समाचार पत्रों में निरंतर रचनाओं और पत्र का प्रकाशन ,प्रकाशित काव्य कृति "दरवाजे पर दस्तक " खट्टे मीठे रिश्ते उपन्यास कनाडा -अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर विश्व के 65 रचनाकारों में लेखनीयता में सहभागिता भारत की और से सम्मान-2015 /अनेक साहित्यिक संस्थाओं से सम्मानित -संस्थाओं से सम्बद्धता ):-शब्दप्रवाह उज्जैन ,यशधारा - धार, लघूकथा संस्था जबलपुर में उप संपादक -काव्य मंच/आकाशवाणी/ पर काव्य पाठ :-शगुन काव्य मंच