सामाजिक

तय करें कपल चैलेंज जरूरी है या लाईफ

सोशल मीडिया के प्लेटफॉर्म को किस लिए और किस तरह उपयोग करना है। सिर्फ लाईक ही मिले यह जरूरी नहीं। सबसे जरूरी हैं स्वयं के मस्तिष्क का उपयोग करना। हम किस तरह किसी की लाईफ में कितना इंटरफेअर करें यह भी तय करना आवश्यक है। सिर्फ मज़ाक-मस्ती में किसी का घर-परिवार बिखर सकता है वरन् इसके गंभीर परिणाम भी हमें भुगतना पड़ सकते है। इसलिए जिंदगी खुद अपने आप में एक चैलेंज है। इसे सफलतापूर्वक और संतोषजनक तरीके से ही हम जीने का यत्न करें तो हमारे प्रयत्न सफल होंगे।

पिछले हफ्ते, चार-पांच दोस्त अचानक एक अपार्टमेंट में एक उद्यमी के घर में गए। जैसे ही उद्यमी की पत्नी ने दरवाज़ा खोला, इन चार-पांच दोस्तों ने उसकी पिटाई शुरू कर दी। इस लड़ाई के बाद, व्यवसायी की पत्नी ने पांच गर्लफ्रैण्ड के खिलाफ पुलिस में शिकायत दर्ज कराई। शिकायत और पिटाई के कारणों को सुनने के बाद पुलिस भी उलझन में है। हर कोई इस बात से हैरान और आश्चर्यचकित है कि इसके मूल कारण में वर्तमान में सोशल मीडिया पर ट्रेण्ड कर रहा ’कपल चैलेंज’ हैं। अब तक का तो ट्रेण्ड यह था कि अपने पति के साथ अनैतिक संबंध रखने वाली सहेलियों को सबक सिखाने का काम पत्नी के जिम्मे ही आता था। अब ऐसा लगता है कि ’कपल चैलेंज’ ने इस परंपरा का चेहरा बदल दिया है। उद्यमी के घर में घुसकर मारपीट करने वाले पांच दोस्तों में से एक उद्यमी की ’गर्लफ्रैण्ड’ थी। उनकी पत्नी ने अपने फेसबुक पर उद्यमी के साथ कई विशेष पोज़ में उनकी तस्वीरें अपलोड की थी। इस फोटो को देखकर, वह सहेली गुस्से में आ गई और सीधे घर चली गई और यह कहते हुए उस सहेली को पीट दिया कि तुमने मेरे दोस्त के साथ ’कपल चैलेंज’ में फोटो क्यों अपलोड की है।

यह घटना प्रतिनिधि लग सकती है, लेकिन सोशल मीडिया पर इस चैलेंज यानि कपल चैलेंज में कई लोगों के घर टूटने और रिष्तों के टूटने का अन्देषा है। हर दिन नई तरकीबें, खासकर सोशल मीडिया पर फेसबुक के जरिए ग्राहकों की संख्या बढ़ाने के लिए इस्तेमाल की जाती हैं। कई टाइमपास बातें ’सोशल मीडिया पर निर्बाध रूप से शुरू होती हैं, जैसे आप अतीत में कौन थे, अब आप किस तरह के प्रसिद्ध कलाकार की तरह दिखते हैं। ’कपल चैलेंज’को कुछ हफ़्ते पहले फ़ेसबुक पर लान्च किया गया था और इसके बाद ’सिंगल चैलेंज’, ’फ़ैमिली चैलेंज’, ’फादर-लेक चैलेंज’ और भी कई सारी बातें हुई। इसके चाहनेवाले भी बड़ी संख्या में इस चुनौती को खुशी-खुशी पूरा करते नज़र आते हैं। आपकी तस्वीरों को अधिक लाइक मिले इसलिए ब्यूटी पार्लर के खर्च भी बढ़ते जा रहे है। शहरी और ग्रामीण दोनों क्षेत्रों में चाहनेवाले भी पीछे नहीं हैं। इस लॉकडाउन के समय में, मोबाइल और इंटरनेट दो सबसे अधिक मांग वाले साथी बन गए हैं। आज तक, युवा लोगों और बच्चों को मोबाइल फोन के चंगुल से दूर रखने के लिए कवायद की जाती रही है। अब हर किसी का जीवन इस मोबाइल के आस-पास ही सिमटकर रह गया है। शिक्षा से लेकर आहार तक, दवाई से लेकर किराने का सामान तक सब कुछ ऑनलाइन उपलब्ध है। कोरोना के बढ़ते प्रचलन के साथ, हर कोई घर छोड़ने के बिना दुनिया से जुड़े रहने के लिए मोबाईल का प्रयोग कर रहा है। यह वही है जो ई-कॉमर्स कंपनियां सोशल मीडिया पर अक्सर चलाती हैं। चाहे वह फेसबुक हो या इंस्टाग्राम, यहां तक कि ट्विटर भी इसका अपवाद नहीं है। ट्विटर ने उपभोक्ताओं की बातचीत को भी याद दिलाया, उन विषयों के बारे में याद दिलाया जो उपभोक्ताओं ने पिछले साल उसी महीने में चर्चा और बहस की थी। किस शहर ने किन विषयों में अधिक रुचि दिखाई। यह इस बात पर प्रकाश डालता है कि कौन से मुद्दे किस शहर के लिए अधिक अंतरंग थे, प्रत्येक आयु वर्ग की प्राथमिकताएँ क्या थी।

असल में देखा जाये तो एक तरफ, कोई भी सोशल मीडिया इंटरैक्शन आज की तारीख में सुरक्षित नहीं है। इस डेटा, फ़ोटो, वीडियो का उपयोग अनैतिक उद्देश्यों के लिए किया जा सकता है। कुछ कंपनियां अपने ग्राहक का डेटा दूसरी कंपनियों को भी बेचती हैं। यह बार-बार सामने आया है। चाहे वह ट्विटर या फेसबुक ग्राहक डेटा हो, वे इतिहास की जॉच करके एक रिपोर्ट प्रकाशित कर सकते हैं। यही है, वे ग्राहकों के डेटा उपयोग की सुरक्षा और गोपनीयता को खतरे में डालते हैं। लेकिन आम नागरिक इस बढ़ते खतरे को लगातार नजरअंदाज करते नजर आ रहे हैं। कई लोग चैलेंज, कपल चैलेंज से अपनी खास तस्वीरें दुनिया के सामने लाए। कौन गारंटी देगा कि इन तस्वीरों का गलत इस्तेमाल, अपराधियों, साइबर अपराधियों द्वारा नहीं किया जाएगा? लगभग तीन से चार महीने पहले, ठाणे में साइबर पुलिस ने एक अपराध का खुलासा किया था। अपराधियों ने फेसबुक पर अलग-अलग उम्र के पुरुषों और महिलाओं की तस्वीरों का दुरुपयोग करके आधार कार्ड और पैन कार्ड बनाए। उसके आधार पर, उन्होंने व्यक्तिगत स्तर पर, बैंकों पर वित्तीय धोखाधड़ी की। वास्तव में कौन अपराध कर रहा है, इसकी जांच तब तक नहीं की गई जब तक कि करोड़ों रुपये ठगे नहीं गए। आखिरकार, इस मामले को साइबर पुलिस को भेज दिया गया, और असली अपराधियों को पुलिस के नोटिस में लाया गया। व्हाट्सएप के ’डीपी’ के लिए सुरक्षा कवर है। फेसबुक के लिए भी ऐसा ही है। लेकिन अधिकांश समय यह काम नहीं करता है। इसलिए फेसबुक पर अलग से पोस्ट की गई तस्वीरों को आसानी से चुराया जा सकता है। आज तक, ’पोर्न’ की दुनिया में बच्चों और युवाओं की तस्वीरों का अक्सर दुरुपयोग किया जाता है। विकृत मानसिकता रखने वाले अपराधी किसी महिला की तस्वीर को एक जगह पर रख कर और रिश्तेदारों या दोस्तों को भेजकर उस महिला के पारिवारिक जीवन को बर्बाद कर सकते हैं। इस तरह की सामाजिक चुनौती न केवल सामाजिक जीवन को बल्कि परिवार को भी नष्ट कर रही है। कर्फ्यू के दौरान, सभी ने एक-दूसरे को कई तरह की चुनौतिया देकर उनके अकेलेपन को दूर करने की कोशिश की, लेकिन इन प्रयोगों के कारण, कई को अनावश्यक दुःख भी सहना पड़ा है। कई लड़कियों को अश्लील टिप्पणियों का सामना भी करना पड़ा है, जबकि गृहिणियों ने अपमानजनक शब्द सुने है। कुल मिलाकर, सोशल मीडिया का उपयोग सामाजिक जागरूकता के साथ जागरूकता को बढ़ाने के लिए किया जाना चाहिए। दुनिया आपके सामने सिर्फ एक क्लिक के साथ सामने आती है। जो आपके लिए सुरक्षित और उपयुक्त है उसे ही स्वीकार कीजिए अनावश्यक विषयों पर कमेंट्स कर उस दिशा में जाना किसी भी बड़ी मुसीबत का कारण बन सकता है।

यह बिल्कुल भी न सोचे कि मेरे मित्र या सहेली भी ऐसा करते हैं इसलिए मुझे भी ऐसा ही करना चाहिए। यदि आप आँख बंद करके एक के बाद एक वही गलतियॉ करते हैं, तो निश्चित रूप से यह एक अपराध को न्यौता दे सकता है। याद रखें, सोशल मीडिया रिश्तों के चक्र का विस्तार करने के लिए, वैचारिक रूप से समाज से जुड़ने का एक माध्यम है। किसी के जीवन को बाधित करना या उसे चोट पहुँचाना हमारा ध्येय कभी नहीं हो सकता। इसलिए हमें अपने जीवन में जो कुछ हासिल करना है, उस पर अधिक ध्यान केंन्द्रित करने की आवश्यकता है, हम कैसे सोशल मीडिया पर आभासी चुनौतियों का मुकाबला करने के बजाय कोरोना और लॉकडाउन में हमारे सामने आने वाली चुनौतियों से निपटते हैं। यह आप पर निर्भर है कि विभिन्न प्रकार के ’चैलेंज’ में रमना हैं या ’लाइफ चैलेंज’ को सफल बनाना हैं। अंततोगत्वा यह हम ही तय करें!

— धनंजय कुमार

धनंजय कुमार

मैं एक स्वतंत्र लेखक एवं स्तंभकार हूँ। मैं मूलतः मध्य प्रदेश के स्वच्छता में हैट्रिक लगा चुके नंबर वन बनें एवं 2020 में भी नंबर वन का तमगा पा चुके स्मार्ट सिटी इन्दौर का निवासी हूँ। 1990 के दशक में समाचार-पत्रों के अग्रलेख पढ़ने के बाद लेखन में रूचि जागृत हुई। जब समाचार-पत्रों में आलेखों का प्रकाशित होने लगा तो उत्साह बढ़ने लगा। अपना नाम किसी भी समाचार-पत्र में प्रकाशित होता तो बहुत ही अच्छा लगता है वरन् लेखकीय सुकून बहुत संतोष देता है। युवा होने पर फिल्में देखने का बहुत शौक था, साथ ही संगीत की तरफ भी अच्छा-खासा रूझान था। प्रशंसा एवं आलोचनात्मक पत्र अधिकांश फिल्मी कलाकारों को लिखें। जवाब नहीं आया फिर भी निराश नहीं हुआ। इसके बाद फिल्मों पर आलेख लिखना प्रारंभ किया। बावजूद इसके कहानी, लघु कथा व कविताओं के माध्यम से भी लेखन कार्य जारी रहा। इसके अलावा सामयिक, सामाजिक एवं राजनैतिक विषयों पर लेखन कार्य जारी रहा। अब तक विभिन्न समाचार-पत्रों (लोकमत समाचार, दण्डकारण्य समाचार, राजस्थान पत्रिका, पंजाब केसरी-जालंधर, दैनिक ट्रिब्यून, राज एक्सप्रेस, हरि-भूमि, चौथा संसार, बीपीएन टाईम्स, स्वतंत्र वार्ता, अटल हिन्द, हिन्दी मिलाप, अपना इन्दौर, सिटी ब्लास्ट, दैनिक नईदुनिया इत्यादि।) में आलेखों का प्रकाशन हो चुका है। 24/31, संजय नगर, इन्दौर-452011 (म.प्र.) Mob.98276-56722 Email : kumar.djy@gmail.com, https://todaysspecialdk.blogspot.com