13 दिसंबर
भारतीय संसद पर
13 दिसम्बर 2001 को
सत्र की कार्यवाही के समय ही
आतंकी और रक्तपिपासु घुसपैठियों ने
दनादन गोलियां चलाये थे,
जिनमें कई संसदकर्मी हताहत हुए थे ।
ध्यातव्य है,
तब लगभग 100 माननीय सांसद
वहाँ उपस्थित थे,
किन्तु सभी बाल-बाल बच गए ।
यह लोकतंत्र के मंदिर पर हमला था ।
हमारी सुरक्षा व्यवस्था
काफी मज़बूत होनी चाहिए,
सिर्फ राजनेताओं को ही
जेड सुरक्षा क्यों ?
संसद के साधारण कर्मी ने
एतदर्थ लड़कर और शहीद होकर
संसद से मंदिर
और सांसदों की जान बचाये !
इन शहीदों के प्रति
हम नतमस्तक हैं,
उन्हें सैल्यूट है हमारा !
उनके परिवार के प्रति
हमारी अनंत संवेदनाएँ !