कविता

हम फिर आवाज़ उठायेंगे

तुम तोड़ो
तुम बांटो
तुम रोको
हम जोड़ेंगे
हम फिर खड़े होंगे
हम फिर चलेंगे
नारे भी लगेंगे
झंडे भी लहराहेंगे
अपने अधिकारों के लिए
हम फिर आवाज़ उठायेंगे..
एक एक करके
हम फिर साथ आएँगे
चक्का भी जाम करेंगे
धरना भी करेंगे
हम अपनी आवाज़
फिर बुलंद करेंगे..
नारे भी लगेंगे
झंडे भी लहराहेंगे
अपने अधिकारों के लिए
हम फिर आवाज़ उठायेंगे..
हम फिर आवाज़ उठायेंगे..

— केएम भाई

के.एम. भाई

सामाजिक कार्यकर्त्ता सामाजिक मुद्दों पर व्यंग्यात्मक लेखन कई शीर्ष पत्रिकाओं में रचनाये प्रकाशित ( शुक्रवार, लमही, स्वतंत्र समाचार, दस्तक, न्यायिक आदि }| कानपुर, उत्तर प्रदेश सं. - 8756011826